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पार्ट15

लीना बोली अच्छा कोई बात नही 14 नंबर को दवा दे दी थी न सूजी बोली हा दे दी थी

अच्छा ये बता ये तेरे गर्दन पे नीला निशान कैसा है यह सुन वो डर जाती है कही उसने देख तो नहीं लिया

लीना बोली क्या हुआ डॉक्टर निर्दोष तुझे क्या बता रहे थे अरे वो ये मुझे स्किन एलर्जी हुई है तो मैं उनसे दवा का पूछ रही थे मैने दवा ले ली है कुछ देर में चला जायेगा अच्छा कैसा एलर्जी लीना बोलो वो ये जेंटिक है होती रहेगी डॉक्टर बोले है समय समय पे मुझे दवा लेनी होगी नही तो बढ़ जाएगी चल ठीक है तू ठीक से दवा करना मैं चलती हु शाम को सिया मैम के घर पार्टी में भी जाना है ठीक है

सूजी डॉक्टर निर्दोष के केबिन में जाती है और वहा खड़ी हो जाती है क्या उसने कुछ पूछा तो नही

नहीं सर वो बस पूछ रही थी मै ड्यूटी के बीच कहा गायब हो जाती हु तुमने वो ही बताया जो मैने तुम्हे कहने को कहा था हा मैने वो ही कहा जो अपने कहा था ठीक है सूजी सोचने लगती है कैसे सर ने उसे कहा था की कोई पूछे तुम कहा थी तो बता दें वार्ड की लाइट देखने गई थी डॉक्टर निर्दोष कहते है वैसे सूजी तो सूजी का ध्यान टूटता है तो वो कहती है जी सर अपने कुछ कहा क्या हा मैने कहा की तुम बहुत मीठी हो मेरा मतलब तुम और तुम्हारा खून दोनो ही बहुत मीठे है और सूजी के करीब आके उसे जोर से होंठो। पे किस कर लेते है और कहते है की सूजी मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं तुम्हारे बिना तो मैं जी ही नही सकता हु ये तुम जानती हो ना सूजी ये सुन खुश हो जाती है तुमने कभी बताया नही क्या तुम भी मुझे पसंद करती हो ना सूजी हा में सर हिला देती है

और सोचने लगती है मैने तो आपको बहुत पहले से पसंद करती हु आपको अभी कह नही पाई

पर अब क्या कहना जब आप खुद मुझसे कह रहे है की आप मुझे प्यार करते है

वही दूसरी तरफ निर्दोष सोचता है ये इंसान कितने बेवकूफ होते है कितने जल्दी बहकावे में आ जाते है मैं भी कभी इंसान हुआ करता था मैं भी कभी किसी के बहकावे में आया था पर अब क्या मैं तो इंसान हु ही नही मुझे तो अब ये बस मेरी प्यास मिटने के लिए चाइए है प्यार तो सिर्फ में तुमसे ही करता हूं मेरी जान

ये तो बस मेरी प्यास मिटने का जरिया है तभी सूजी कहती है तो निर्दोष का ध्यान टूटता है और वो होश में आता है क्या हुआ कुछ कहना चाहती हो हा वो अपने आज अपने प्यार की निशानी छोड़ दी है क्या मै कुछ समझा नहीं सूजी अपनी गर्दन पर निशान दिखा के कहती है देखिए अब इसे मिटा मत दीजिएगा मुझे ये आपके प्यार का एहसास कराएगा सर जब जब मैं इसे देखूंगी तभी निर्दोष कहता है तुम मुझे अकेले में सर न कह कर के कुछ कुछ भी कह सकती हो जी सर ओह सॉरी आज से मैं आपको अकेले में जानू कहूंगी ओके पर जानू ये निशान तो मुझे मिटाना ही पड़ेगा नही तो सभी लोग तुमसे ही सवाल करेंगे तो सूजी कहती है मैं चाहती तो नही हु फिर भी आप अगर चाहते है तो मिटा दीजिए

निर्दोष मन में ही सोचता है अगर ये निशान नहीं मिटाया तो मेरा वैंपायर होने का राज भी खुल सकता है