तकरीबन सौ साल पहले धरती पर एक बडा उल्कापिंड गिरा था जो अपने साथ एक वायरस लेकर आया था। ये वायरस साधारण जानवरो को म्यूटेट करके उन्हें सौ गुना अधिक शक्तिशाली, गुस्सैल, आक्रमक, और दानवी प्रवृति का बना देता है।
इस आफत के चलते लगभग पूरी दुनिया नष्ट हो ke कगार पर थी लेकिन तभी एक शक्तिशाली यौद्धा, मास्टर हुआंग, उन्होंने तब इंसानियत को बचाने के लिए सबसे ज्यादा सहयोग किया।
आखिर पचास साल के कड़े संघर्ष के बाद, इंसान दुबारा धरती पर रह सकते है। इस दुनिया में केबल अब पांच महाशक्तियां ही बची है। चीन, भारत, रूस, अमेरिका और यूरोप के कुछ छोटे देश जिन्होंने अब मिलकर एक बडा संघठन बना लिlया है जिसे वो यूनाइटेड यूरोप कहते है।
शहरो की सुरक्षा के लिए आर्मी ने शहर के चारो तरफ सुरक्षा के तीन घेरे बनाए है। पहला एक दो सौ फीट ऊंची दीवाल जिस पर कई सारे आधुनिक हथियार लगे हुए हैं और हर वक्त लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर इस दीवाल की निगरानी करते रहते है। सेना ने पहली दीवाल की रक्षा के लिए कई सारे इंतजाम किए है। दूसरा है रडार सिस्टम, ये रडार इतने एडवांस होते है की ये शहर के पांसो किलोमीटर के दायरे में कड़ी निगरानी करता है।
जब भी कोई मॉन्स्टर इस रडार में दिखाई देता है तो ये रडार ड्यूटी पर तैनात सभी को इसकी खबर कर देता है और खबर मिलते ही सभी को भी वॉरियर उस मॉन्स्टर से करीब होगा उसे उस मॉन्स्टर तो मारने का ऑर्डर मिल जायेगा।
अगर मॉन्स्टर मारा जाता है तो उसे मारने वाले वॉरियर को सम्मान और पुरस्कार दोनो ही मिलते है। लेकिन अगर वो मॉन्स्टर नही मारता और वॉरियर मारा जाता है तो फिर ये खबर सभी वॉरियर्स को दे दी जाएगी और उस मॉन्स्टर को खतरा देखते हुए उसे मारने के लिए आर्मी एक हंटिंग ऑपरेशन करेगी।
अब तीसरा घेरा, ये घेरा सिर्फ समंदर के इलाके की सुरक्षा करता है। इसकी जिम्मेदारी नौसेना की होती है। जब भी कोई मॉन्स्टर समंदर के रास्ते शहर में हमला करने की कोशिश करता है तो नौसेना उसे रोकती और मारती है। वॉरियर्स भी उन्हें मरते है।
लेकिन उस तबाही के बाद अब इंसानों के पास और भी अधिक शक्तिशाली और एडवांस हथियार आ चुके है। टेक्नोलॉजी किसी sci-fi फिल्म से कम नहीं है।