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Unnamed

तू रोकने की कोशिश करना मुझे, मैं बताऊंगा की तूफान क्या होता हैं !

तू तोड़ने की कोशिश तो करना मुझे, मैं बताऊंगा की चट्टान क्या होता हैं !

तू बहा ले जाने की कोशिश करना मुझे, मैं बताऊंगा कि किनारा क्या होता हैं !

जब तू मुझे तोड़-तोड़ कर थक जाएगा, तब भी तू मेरी तलहटी में उगे किसी पेड़ के नीचे ही आराम करेगा....

मेरे होने से दुनिया हैं, दुनिया के होने से मैं नहीं !

जब तू मुझे बहा-बहा कर थक जाएगा, तब भी तू मेरे बीच में ही रहेगा !

क्योंकि तू भले ही समंदर हैं, लेकिन मैं भी किनारा हूं !

और तूझे हमेशा किनारे के दायरे में ही रहना हैं !

तू करना चाहे बदनाम तो करना मुझे, मैं बताऊंगा कि सच्चाई क्या होती हैं !

तू सवाल करना मेरे चरित्र पर, मैं बताऊंगा कि विश्वास क्या होता हैं !

कोई नहीं हैं मेरे साथ आज, अकेला चल रहा हूं सुनसान सफर में,

जो स्वार्थ के लिए जुड़े थे, वो कब के पीछे छूट गए....

तू मुझे अकेला छोड़ने की कोशिश तो करना, मैं बताऊंगा कि अकेले से काफिला कैसे बनाया जाता हैं !

तू अंधेरे में छोड़ देना मुझे, मैं बताऊंगा कि अन्जान जुगनुओं को कैसे दोस्त बनाते हैं !

अकेला हूं.... कमजोर नहीं,

अकेला हूं.... भटका नहीं,

अकेला हूं.... पर कोई स्वार्थ नहीं हैं !

अकेला हूं.... पर मंजिल के रास्ते पर हूं !

अकेला हूं.... पर हिम्मत बहुत हैं !

अकेला हूं.... पर इरादें नेक हैं !

अकेला हूं.... पर खुद के निर्णय पर गर्व हैं !

अकेला हूं.... पर चल रहा हूं!

और कोई परीक्षा हैं....., तो वो भी लेकर देखना.....!

जवाब दूंगा हर एक इम्तेहान का, तू सुनते सुनते-सुनते थक जाएगा !

मेरे रास्ते पर पहाड़ खड़े करने वालों, तुम मुझे नहीं रोक पाओगे !

क्योंकि सितारों तक चढ़ने की हिम्मत रखने वाले, किसी पहाड़ से नहीं रूकते !

और उंगली उठानी हैं....., तो उठा के देखना.....,

किसी दिन मेरी सच्चाई के सामने तू खुद झुक जाएगा !

बस थोड़ी देर ही तो लगेगी,

बस मुझे अपनी नींदें ही तो कुर्बान करनी हैं !

बस मुझे थोड़ा पसीना में ही तो नहाना हैं !

अगर मैं गिर भी गया..... चलते-चलते,

तो लोग मुझे कायर नहीं..... कुर्बान कहेंगे,

मेरी भावनाओं को डर नहीं..... जुनून कहेंगे !

मैं भले ही काला हूं ! पर मुझपे अब और कोई रंग नहीं चढ़ेगा !

तुमने मुझ पर बहुत सवाल किए, अब मैं जवाब दूंगा !

किसी को सच्चा साथ पाने की उम्मीद कब की छोड़ दी हैं ! मैने !

किसी से बफा की उम्मीद को कबसे छोड़ दी हैं मैंने !

दुनिया से हटकर मैंने ज़िन्दगी जिद के रास्ते पर मोड़ दी है !

और आखिरी बार कह रहा हूं.....

कि मैं सच्चा था.....

मेरे इरादे नेक थे.....

मैंने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा.....

मैंने कभी किसी से बेवफ़ाई नहीं की.....

पर तेरी आदत गन्दी है, तु अब भी नहीं समझेगा !

तो अब ! सिर्फ काम करूंगा !

अकेला लड़ूंगा

अकेला हारूंगा

लेकिन एक दिन..... मेरी जीत होना फिक्स हैं !!!!

देश में मेरा नहीं.....

बल्कि दुनिया में देश का नाम करूंगा !!!!!!!

*GOOD MORNING DXN*

*ONE WORLD ONE MARKET*

*RAMKUMAR YADAV*

*+917310315218*

RK YADAV

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