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दर्द की रात night of pain

हेलो दोस्तो आपका सोवागत है मेरा दूसरा नोवेल"इंस्टा लव" में अगर आप मेरा पहला नोवेल नही पढ़े है।" AM BACK" तो प्लीज़ आप एक बार जरूर पढ़े। सॉरी इतना बकवास करने के लिए आते है अब कहानी पे।

रात को तकरीबन 11 PM में सचिन जिसका उम्र 21 होगा एक नदी का किनारा अकेले मायूस होकर बैठा था ऐसा लग रहा था की उसका जिंदगी का कोई खास वजह है जो उससे बहुत दूर चला गया है सचिन को कुछ समझ नही आ रहा था अपने माथा पे हाथ रख कर पागलों की तरह बेचैन होकर मिट्टी खोद दिया था ऐसा लग रहा था की सचिन अब जी कर क्या करेगा।

किसके लिए जायेगा। सचिन को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो जाए तो कहा जाए। सचिन की माँ घर में बैठ कर रो रही थी जैसे सचिन का इंतजार रही थी सचिन एक अच्छे घर का लड़का था मानो तो उसके पास किसी चीज का कमी नहीं है। सचिन अपने घर से किसी फंसन में अपने दोस्त के घर गया था सचिन का दोस्त शुभम जिसका उम्र सचिन का जैसा 21 साल होगा।

शुभम सचिन को खोज रहा था सचिन कहीं नही दिख रहा था शुभम सचिन को खोज कर बहुत परेशान हो गया था और थक कर एक टेबल पे बैठ गया l तभी एक लड़का शुभम के करीब से गुजर रहा था उसका उम्र 9 साल होगा।

तभी शुभम उस लड़का को रोकते हुए बोला" हे। " वो लड़का शुभम का बात सुनकर रुक गया और शुभम को देखते हुए बोला" हां अंकल क्या काम है?" शुभम उस लड़का से पूछा" क्या तुम सचिन को देखे हो?" वो लड़का इत्मीनान से बोला " कौन सचिन आप फोटो दिखा सकते है।" शुभम सचिन का फोटो दिखाते हुए बोला "ये है सचिन क्या इसे कही देखे हो?"

वो लड़का इत्मीनान से बोला" हां उधर नदी के किनारा जा रहे थे। " वो लड़का हाथ का इशारा करके बताया। शुभम झट से उठा और दौर्ते हुए नदी का किनारा जाने लगा साथ ही चिलाते जा रहा था जोर जोर से" सचिन सचिन कहा हो तुम सचिन?" सचिन से अभी शुभम बहुत दूर था कुछ दूर जाने के बाद फिर चिलाया जोर जोर से " सचिन सचिन तुम कहा हो सचिन मेरी आवाज तुम्हारे पास जा रहा है तो प्लीज़ आ जाओ?" फिर भी शुभम को सचिन नही दिखा और नही मिला शुभम आगे की तरफ बढ़ते जा रहा था ।

सचिन अपना फोन अपने बगल में रख कर बैठा था और कुछ सोच रहा था तभी सचिन का माँ का कॉल आया सचिन अपना नजर तक भी उस फोन पे नही घुमाया। और पागलों की तरह रोते हुए गिड़गिड़ा रहा था" गलती उसकी नही मेरी है जो उससे मोहब्बत किया पागलों की तरह बेपनाह चाहा उसकी खुशी के लिए अपना खुशी खो दिया। " ये सब सोच कर सचिन का आंख में आंसु भर आया और रोने लगा। तभी पीछे से कुछ गुंडे आकर खड़ा हो गया। और सचिन को पता भी नही चला की कोई उसे मरने आया है सचिन जैसे घूम कर और चलने को चाहा तभी एक गुंडा ने सचिन का छाती पे एक पैर से मारा। सचिन जाकर कुछ दूर पे गिर गया। तभी एक गुंडा बोला सायेद वो इस गैंग का लीडर होगा" ये इसे मार कर फेक दो।"

दूसरा गुंडा सचिन को देखा फिर उस गुंडा की तरफ देखा जिसने बोला मरने को और इतमीनान से बोला" भाई लेकिन हमे तो सिर्फ पैर हाथ तोड़ने का ही पैसा मिला है?" पहला गुंडा इतमीनान से बोला" जितना बोला उतना कर।"

फिर दो तीन गुंडा सचिन को मारने लगा। सचिन की हालत बहुत ही खराब हो चुका था सचिन से खड़ा भी होना नामुमकिन था तभी एक गुंडा चाकू निकाल कर सचिन को मरना चाहा तभी सचिन कैसे भी खड़ा हो कर उस गुंडे को मारने लगा और नीचे जमीन पे गिरा कर कालर पकड़ कर इतमीनान से बोला" तुम कौन हो मुझे मरना क्यू चाहते हो?" वो गुंडा पूरा डर चुका था और कुछ बोल पता तभी सचिन पागलों की तरह उस गुंडा का सर पे मरने लगा और जोर जोर से बोलने लगा" बोल बोल बोल बोल। " उस गुंडा का वहीं पे मौत हो गया । सचिन फिर भी पागलों की तरह उसका सर पे मारे जा रहा था तभी एक गुंडा बोला जो सीनियर था" आरे छोड़ो उसे जान से तो मार दिया अब क्या उसका सर खावोगे?"

सचिन उस गुंडा का सर छोड़ कर कैसे भी खड़ा हुआ और डगमाते हुए दूसरे गुंडा की तरफ बढ़ा और उसका भी कालर पकड़ लिया और हाथ से मारते हुए बोला" बोल ना कौन भेजा है। " तभी एक गुंडा बोला जो सीनियर था" ये ये भेजी है तुम्हे मारने के लिए। " और वो गुंडा फोटो दिखाया। सचिन उस फोटो को जैसे देखा उसका पैर तले जमीन खिसक गया। फिर उस गुंडा को छोड़ कर वहीं पे गिर गया। और सोच कर रोने लगा और फिर सचिन उस गुंडा को देख कर बोला" मुझे मार जान से मार दे।"

फिर जोर से चिला कर रोते हुए बोला" में जीना नहीं चाहता मुझे मार दो। " और सचिन अपना हाथ अपने छाती पे मारने लगा और रोने लगा। तभी वो गुंडा सचिन के आंख में देखा और वो गुंडा भी रो पड़ा। उस गुंडा को समझ आ गया था की कोई तो है जो इसे छोड़ कर गया है और रोते हुए वो गुंडा बोला" नहीं में तुम्हे नही मारूंगा।" फिर वो गुंडा कुछ सोच कर बोला" तेरी आंखों में ये आंसु बता रहा है की कोई तो तुम्हारा है जो इंतजार कर रहा है।"

सचिन इस गुंडा का बात सुन कर बोला "मेरा कोई नही है अपुन को अकेला है।" फिर सचिन एक चाकू लेकर खड़ा हुआ और उस चाकू से अपने हाथ पे काट कर एक लड़की का नाम लिखा" खुशी।" और पूरा खूंखार हो कर आग बबूला हो कर फिर जोर से सचिन बोला" मुझे मार दो।" और फिर सचिन उस गुंडा की तरफ बढ़ा और उसका कालर पकड़ कर बोला" ये मुझे मार दे में जीना नहीं चाहता में जीना नही चाहता।" वो गुंडा डर से कांपते हुए बोला "नही मैं तुम्हे मार कर पाप नही करना चाहता।" और फिर वो गुंडा सचिन का हाथ से कालर छोड़ा कर रोते हुए बोला "वो कितनी बेदर्द सनम है?" सचिन वही गिर गया और वो गुंडा वहा से चल दिया। सचिन धरती पे गिरा हुआ ही बोला" ये कहां जा रहा है मुझे मार दे।" वो गुंडा सचिन का एक बात नही सुना और वहा से चला गया। सचिन पागल की तरह गिड़गिड़ा रहा था" माँ मुझे तू मरना चाहती है लेकिन क्यू क्या गुनाह किया हूं?" सचिन का दोस्त शुभम आकर खड़ा था और सचिन का सारा बात सुनकर उसके आंखों में भी आंसु भर आया था और धीरे धीरे चलते हुए जोर जोर से बोला"हां तूने गलती किया है बहुत बड़ी गलती किया  हैं।

किसका फ़ोटो देख कर सचिन का पैर तले जमीन खिसक गया खुशी कौन है जिसके लिए सचिन पागलों की तरह करतूत कर रहा है खुशी कौन है जो इतना बेदर्द सनम बनी है।  

जानने के लिए पढ़े पूरा नोवेल" खुशी के आंसु।"

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