1 पहली मुलाक़ात

आज कॉलेज नहीं गया था, तो मकान मालकिन की बेटी ने बोला रवि आजा घूमने चले। कुछ ग़लत मत सोचिएगा, वो मेरी दीदी की तरह थी और मैं उन्हें दीदी ही बुलाता था। ठीक है दी , कहकर मैने अपनी इच्छा जाहिर करदी। दिन के ३ बज रहे थे तब हम घर से निकल गए । अक्टूबर का समय था, बस स्टैंड पर आकर हमने बस पकड़ ली। सच बताऊं तो अभी तक भी मुझे ये पता नहीं था कि हम कहां घूमने जा रहे हैं। अंत में मैने पूछ ही लिया की दी हम कहां चल रहे हैं तो दी ने बोला इस्कॉन मंदिर लेकिन थोड़ी देर मोसी के रुकना है। ठीक है, मैने अपनी गर्दन हिलाकर अपनी सहमति जाहिर की।अब ४:३०हो चुके थे और हम दी की मोसी के घर पहुंच गए। हम घर में घुसे तो एक प्यारी सी कूतिया ने हमारा वेलकम किया,उसका नाम भी था कुछ लेकिन सच बताऊं अभी याद नहीं। ७० गज़ मै बना हुआ डुप्लैक्स घर था उनका।हम अंदर गए और मै एक तरफ जाकर बैठ गया क्योंकि वहां मै किसी को भी नहीं जानता था। दी अपनी मोसी से बाते कर रही थी। तभी एक बहुत ही प्यारी आवाज़ आई, हेलो दी। मेरे शरीर का हर एक अंग सक्रिय हो गया उसे देखने को।उसने रूम में एंट्री की,देखते ही दिल मै लड्डू फ़ूटने लग गए।सच में बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन उसने एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा। फिर थोड़ी देर बाद उसकी मम्मी ने मेरी तरफ इशारा करके बोली की इन्हें बाहर गार्डन में घूमा ला,तब तक खाना भी बन जाएगा। मम्मी के कहते ही उसने मेरी तरह देखा और मैने भी उसकी तरफ देखा,कुछ सेकंड हम दोनों देखते रहे। अच्छा लग रहा था शायद दोनों को आपस में ऐसे देखना... to be continue

avataravatar