मौत एक ऐसा सच जिसे आजतक कोई टाल नहीं सका, कहते हैं मौत के बाद रूह या तो स्वर्ग या नर्क में रहती पर उससे पहले उसे एक सफ़र से गुजरना होता है हिसाब किताब का सफ़र । किया होता हे उन रुहो के साथ जो न तो स्वर्ग जाति हे और न ही नर्क मयंक मर चुका हे और उसकी आत्मा ये सब देख कर रो रही थी। मयंक को समझ नही आता की ये उसके किया हुआ की तभी उसे अपने कंधे पर किसी का हाथ मेहसूस होता है । मयंक ने पीछे मुड़के देखा तो उसे एक मोटी जेसी चमक वाला आदमी दिखाई देता है । ये एक फरिश्ता था। "चलो मेरे साथ तुम्हारा वक्त आ गया है" । कोन है ये सख्स? मयंक को किसने मारा? और क्या होगा अब मयंक की रूह के साथ जानने के अभी पढ़े...