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abhishek kumar Gautam

Horror&Thriller
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माय हाउस ऑफ़ होर्रोर्स

घर के दरवाज़े के बाहर एक अजीब सी गंध वाली मुर्दा ढोने वाली गाड़ी थोड़ी देर के लिए रुकी। कंकरों की आवाज़ छत पर सुनी जा सकती थी। गलियारे में क़दमों की आवाज़ सुनाई दे रही थी और लगता था कि साथ वाले घर में कोई व्यक्ति आरे से कुछ चीर रहा था। कमरे के दरवाज़े का हैंडल खड़खड़ा रहा था, और बाथरूम में नल बंद होने के बावजूद लगातार टपक रहा था। एक रबड़ की गेंद अपने आप बिस्तर के नीचे लुढ़क गयी। फर्श पर एक के बाद एक गीले पैरों के निशान छपने लगे। सुबह 3 बजे, चेन जी अपने हाथ में एक चाकू पकड़ कर हीटर के पीछे चुप गया। जिस कॉल को वह करने की बार बार कोशिश कर रहा था, आखिरकार वह कॉल लग गयी। चेन जी ने पूछा, "मकान मालिक, क्या आपकी बात का यह मतलब था जब आपने कहा था कि घर में रात को थोड़ी भीड़ हो सकती है?”

I Fix Air-Conditioner · Horror
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60 Chs

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