webnovel

सुहागरात की मिठाई

ice cube लेकर निपल्स पर घुमाने लगे और साथ ही साथ अपने होठों से पीछा करते हुवे चूमने लगे. फिर  दांतों से मेरी निप्पल को धीरे धीरे चबाने लगे. और मेरा तन और मन पूरे समर्पण की भावना से तड़प रहा था | मेरे दोनों निपल्स को चबाते चबाते पूरा लाल कर दिया और बर्फ से उसको ठंडा कर दिया | मगर मेरी तड़प को बहुत बड़ा कर दिया | मुझे उल्टा घुमाके मेरी गांड़ की छेद में एक बर्फ का टुकड़ा घुसा दिया और बोले कि "थोड़े देर के लिए ये बर्फ तुमको ठंडा कर देगा, और मेरा लन्ड तुम्हे गरम कर देगा बादमें, तुम चिंता मत करना, प्राजक्ता..." मैने सिर्फ हंसकर हामी भर दी| पूरे बेडरूम में अब मेरे तड़पने की वजह से चूड़ियों, पायल और कमरबंद के घुंघरूं की आवाज आ रही थी | परिमल मुझे देखते देखते वापिस फ्रिज की तरफ गए और एक सिल्क कैडबरी लेकर आए | "भूख लगी होगी तुझे, थोड़ा चॉकलेट खा ले...मगर मेरे लन्ड पर रगड़कर खाना पड़ेगा, ऐसे फ्री में नहीं मिलेगा..." मैने फिर रैपर खोला सिल्क कैडबरी का और उनके लन्ड पर लगाया आधा पैकेट, और मस्त चूसने लगी | वो बेड पे बैठे थे, में बेड पर पेट के बल लेती थी, और बेड धीरे धीरे घूम रहा था | थोड़ी देर में पूरा चॉकलेट खत्म हो गया और मेरी आँखें उनको देखने लगी, तो उन्होंने मुझे बाहों में लेके फिर चुम्मा चाहती शुरू कर दी, बोले "चॉकलेट तुम्हारे होठों पर लगा था, उसको खा लेता हूं | " और पूरे हवस में स्मूचिंग करने लगे, और दोनों हाथों से मेरी गाल को पकड़ लिया तो मेरी नथनी मुझे और उन्हें चुभने लगी बीच में| | तो बोले "यार, ये नथनी चुभ रही है, मगर उसे निकलने के मन नहीं हो रहा, तुम पूरे दुल्हन बनके जो एक्सपीरियंस दे रही हो, वैसे किसीने नहीं दिया, मेरी शादी शुदा औरत ने भी नहीं दिया | पहले पांच मिनट में ही पूरा ज्वैलरी निकालके रख देती है.. मगर मैं मान गया तुम्हे प्राजक्ता, क्रॉसड्रेसर हो तो तुम्हारे जैसी..." फिर मुझे उन्होंने बोलने का मौक नहीं दिया, मुझे किसिंग और स्मूचिंग में तड़पते रखा, और दोनों हाथों से मेरा बदन दबाने लगे, मेरी निपल्स, कमर, गांड़ और फिर उल्टी तरह...मैं सांस लेने की कोशिश करती थी, और फिर वो मेरे हाथों को जकड़ लेते थे पीछे की तरफ, और फिर जीभ अंदर डालके स्मूचिंग. यही किस्सा 5 से 10 मिनिट चलता रहा |  और में इन्हीं 5 से 10 मिनटों में उनके बदन को भी दबाती रही, खास कर उनके लन्ड राज को | दोनों हाथों से मसल मसल कर वापिस लोहे का झंडा बना दिया | उनके निपल्स को दबाकर उनकी भूख को बढ़ावा दिया | उनको हाथ को मेरे बदन पर कहां दबाना है और क्या मसलना है, उसका डायरेक्शन मैं दे रही थी | उनकी नजर में प्रेम, प्यास, हवस, इच्छा सब एक साथ दिख रहे थे| फिर स्मूचिंग करते करते ही मैं पीठ के बल लेट गई, और मैने दोनों पैर हवा में घुमाके उनके कंधे पर रख दिए| उन्होंने उतनी ही चपलता से मेरी पेंटी कमर से अपने कंधे तक खींच ली और मेरे घुटनों से निकलते हुवे मेरे सर की बाजू में फेक दी| मेरे पायल को अपने कंधे पर बजाते बजाते, हाथ से मेरी गांड़ को मसल मसल कर मालिश करने लगे| मैं अब ऊपर आयने में अपने आपको देख रही थी| एक लड़की पूरी हवस में आ चुकी थी और नंगी होकर एक मर्द के सामने पड़ी हुई थी| उन्होंने बाजू के टेबल से durex का 2 इन 1 जेल उठा लिया और मेरी गांड़ की छेद पर मसल दिया, और दो उंगलियां अंदर डालकर जेल को अंदर तक लगा दिया, और बचा हुआ थोड़ा जेल अपने लोहे जैसे सख्त लन्ड पर रगड़ दिया| और बोले, "प्राजक्ता, अब तू यहां से जाने का नाम नहीं लेगी, ऐसा एक्सपीरियंस मिलने वाला है तुम्हे, इतना चोदूंगा तुम्हे रातभर, जी जान लगाकर, की बस, तुम सिर्फ रोती रहने वाली हो"... मैने सिर्फ उनको छाती पर हाथ मसल कर हामी भर दी | और कुछ ही पलों में मेरे छेद में दूल्हे राज का प्रवेश हो गया | दर्द का एहसास थोड़ा सा हो रहा था, और फिर आनंद की बौछार भी मन में होने लगी | छेद अपने आप जेल की वजह से बड़ा हो रहा था और लन्ड  राज को जगह बना रहा था | और ऊपर आयने में एक दुल्हन सुहागरात मन रही थी |.....