नाव के किनारे पर टिकने के बाद समीर जैसे ही नाव से नीचे उतरा, उसकी मां सलमा ने उसे गले से लगा लिया।
और उसके दोनों गालों को चूमने लगी, अपने बेटे पर ममता लूटाने के बाद सलमा बोली, 2 सप्ताह की समुद्र की यात्रा में मेरा बेटा कितना कमजोर हो गया है।
मां बेटे की ममता को देखकर हामिद कुछ चिड़ा हुआ था, यह औरत कभी बोर नहीं होती है क्या, मैं पिछले 2 साल से समीर को अपने साथ समुद्र की यात्रा पर ले जा रहा हूं।
हम वहां से जब भी लौटते हैं, यह बेवकूफ सलमा अपने बेटे को इसी तरह चूमती है, और एक ही बात हर बार बोलती हैं और मैं एक पागल भिखारी की तरह ऐसी देखभाल के लिए तरसता हूं, पर यह औरत तो बस अपने बेटे को ही देखती रहती है।
भाग्यवान सारा प्यार क्या अपने बेटे पर ही लुटा दोगी, यह अकेला समुद्री यात्रा पर नहीं गया था, मैं भी समुद्री यात्रा पर गया था, हमारे गाल भी सुखें हैं उन्हें भी गीला कर दो, हामिद ने अपनी बीवी सलमा से कहा।
बच्चे के सामने बकवास मत करो, सलमा हमीद पर गुस्से से चिल्लाई।
सलमा सच्चाई हमेशा कड़वी होती है कभी-कभी उसे स्वीकार भी कर लेना चाहिए, हामिद ने फिर से अपनी बीवी सलमा से कहा।
अगर अब तुमने और बकवास की तो आज के खाने में तुम्हें अचार नहीं मिलेगा, सलमा ने कड़े लहजे में कहा।
अचार हामिद की बहुत बड़ी कमजोरी थी, जब तक खाने में अचार ना हो उसे मजा नहीं आता था, सलमा इस बात का बहुत फायदा उठाती थी और खाने में अचार देने के लिए उसे कई बार ब्लैकमेल करती थी ।
दो हफ्ते में मेरा बेटा कितना पतला हो गया है, बेटा आज मैंने तेरी पसंद का खाना बनाया है चल घर चल मैं तुझे अपने हाथ से खाना खिलाऊंगी, सलमा ने समीर से कहा।
हामिद इस पर भी कुछ कहना चाहता था लेकिन वह चुप रहा जब बात सलमा के बेटे की आती थी, तो वह कुछ भी कर सकती थी, अगर वह गुस्सा हो गई तो आज उसे खाने में अचार नहीं मिलेगा।
हामिद ने अपने दिल की बात अपने मन ही मन में दफन कर दी और कुछ सोचने लगा की शादी के बाद बच्चा हो जाता है, तो औरत बिल्कुल बदल जाती है, उसका सारा प्यार उसके बच्चे के लिए हो जाता है, और पति एक धोबी के कुत्ते की तरह हो जाता है ना वह घर का रहता है ना घाट का।
महारानी सलमा जी अगर आपकी इजाजत हो तो आपसे कुछ पूछ सकता हूं, हामिद ने बड़ी नजाकत से कहा।
हां पूछ सकते हो, सलमा ने नजाकत से हाथ खिलाते हुए कहा, जैसे कोई मालिक अपने नौकर से बात कर रहा हो।
कल हमने आपको बाज से एक संदेश भेजा था, उस काम का क्या हुआ, हामिद ने सवाल पूछा।
सुबह भोर होते ही मैंने सभी को खबर कर दी थी, अगर तुम्हारा ध्यान मुझसे झगड़ा करने में नहीं होता और तुम पीछे की तरफ देख भर लेते तो तुम्हें वह लोग आते हुए दिख जाते, सलमा ने हामिद पर तंज मारते हुए कहा।
हामिद ने पीछे की ओर देखा तो कई सारी घोड़ा गाड़ी चली आ रही थी।
चलो बेटा हम घर चलते हैं, और तुम सुनो काम खत्म करके जल्दी से घर आ जाना, यहां बैठकर उनके साथ गप्पे मत हकने लग जाना, सलमा ने हामिद को फिर से आदेश दिया और अपने बेटे समीर का हाथ पकड़ कर घर की तरफ चली गई ।
जंग में और शादी में एक ही अंतर होता है, जंग में बस केवल आप अपने दुश्मन के साथ एक ही बिस्तर पर नहीं सो सकते हैं, हामिद ने कहा ।
हामिद को लगा की जाती हुई सलमा को उसकी आवाज सुनाई नहीं देगी, पर सलमा ने सब कुछ सुन लिया।
तुमने अभी मुझे कुछ कहा, सलमा ने पीछे मुड़कर गुस्से से पूछा।
मेरी इतनी हिम्मत कहां है कि तुमसे कुछ कह सकूं, हामिद ने भीगी बिल्ली बनते हुए कहा।
अच्छी बात है तुम कुछ कह भी नहीं सकते हो, यह कहकर सलमा एक बार फिर से मुड़ी और चलने लगी।
समीर के लिए तो यह रोज की ही बात थी, उसके माता-पिता हर चीज पर बहस करते रहते थे, पर वह जानता था उसके मां-बाप एक दूसरे के बिना अधूरे हैं, वह दो शरीर एक आत्मा हैं।
नाव का सारा काम खत्म करने के बाद हामिद घर पर पहुंचा, उसने दरवाजा खोला तो सलमा हाल के बीच में खड़ी हुई थी, वह उसका इंतजार कर रही थी।
हामिद ने नाव से लाया हुआ सामान वहीं बगल से रखा और सलमा से पूछा, समीर कहां है।
वह खाना खाकर अपने कमरे में सोने चला गया है, सलमा ने जवाब दिया।
अगले ही पल वह दोनों एक दूसरे के करीब आ गए, और दोनों के होंठ आपस में मिल गए, उन दोनों का किस बहुत लंबा चला।
जब सलमा की सांस फूल गई, तो हामिद ने उसे छोड़ दिया वह अपनी बीवी की सीमा जानता था।
तुम्हारे मुंह से मछली की बदबू आ रही है, जल्दी से नहा कर आओ जब तक मैं खाना गर्म करके लाती हूं, सलमा ने हामिद के सीने पर प्यार से मुट्ठी मारते हुए कहा।
हामिद नहाने चला गया और सलमा उसके लिए खाना गर्म करने में लग गई, कुछ देर बाद दोनों टेबल पर बैठे हुए थे और खाना खा रहे थे।
हामिद ने सलमा को समुद्र की यात्रा की सारी बातें बताई, फिर सुबह की बात बताई और फिर मुस्कुराते हुए बोला, इस बार समुद्री यात्रा से हमें बहुत ज्यादा लाभ हुआ है ।
चार नए जाल खरीदने, नाव की मरम्मत का सामान और मजदूरी का खर्चा घटा देने के बाद हमें दो सोने के सिक्के बचेंगे।
यह तो तीन समुद्री यात्राओं के बराबर की बचत है, सलमा ने खुश होते हुए कहा।
फिर वह दोनों खाना खाते हुए इधर-उधर की बातें करने लगे और अपने भविष्य के सपनों के बारे में बातें करने लगे, जाहिर है भविष्य के सपनों में सारा ध्यान उन दोनों का अपने बेटे समीर के लिए था।
खाना खाने के बाद, हामिद और सलमा ने मिलकर खाने के झूठे बर्तन साफ किए, फिर हल्का सा हॉल में फैली हुई गंदगी को साफ किया फिर वह दोनों अपने कमरे में आ गए।
कमरे में आकर फिर से उन दोनों के होंठ आपस में मिल गए और एक-एक करके सारे कपड़े फर्श पर गिर गए, सारा कमरा उनकी प्यार की खुशबू से महक रहा था।
क्या समीर का परिवार अपने जीवन की खुशी को बरकरार रख
पाए गाया फिर किसी की नजर लग जाएगी, यह जानने के लिए सुनते रहिए इस कहानी को।