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Fantasy
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Synopsis

Chapter 1bacche kaha hein ?

एक खाली कमरा

उस कमरे में एक बेड पर एक लड़की लेती हुई थी उसके आस पास काफी सारी मशीन थी , क्युकी वो लड़की कोमा में थी।

दिखने में वो लड़की किसी से भी कम नहीं थी गेहुवा रंग उसके साथ उसके तीखे नैन नक्श जो हर किसी से ज्यादा बेहतर थे ।

दो छोटे बच्चे के लड़का और एक लड़की दोनो ही डेढ़ साल के थी वो दोनो ही एक कुर्सी पर बैठे उस लड़की को देखे जा रहे थे।

तभी एक 25 साल की लड़की डॉक्टर के कोट पहने आती हैं और दोनो बच्चो की तरफ देख बोलती है _" बच्चो मम्मा जल्दी ठीक हों जायेगी , , पर आपको याद हैं न अब आपको आपके पापा के पास जाना हैं।"

वो दोनो छोटे बच्चे उस लड़की की तरफ देखते हैं , , देखने में दोनो ही बहुत ही ज्यादा प्यारे थे।

छोटे से गोलू मोलू चेहरे वाले , ,जिसमे से छोटी बच्ची उस बिस्तर पर लेटी लड़की की तरह थी पर उसकी आंखे थोड़ी नीली थी वही उस छोटे से लड़के के फेशियल फिचर उस लड़की से नहीं मिल रही थी शायद वो उसके पापा पर गया था।

मुंबई

डेल्टा ग्रुप ऑफ कंपनी

एक चमचमाती रेंज रोवर वहा आ कर रुकती हैं गाड़ी रुकते ही उस कंपनी के कुछ लोग वहा आ जाते हैं , , बॉडीगार्ड उस कार का गेट ओपन करते हैं।

कार से एक बहुत हैंडसम सा 28 साल का बैचलर अश्विन ओब्रोई निकलता हैं।

अश्विन ओब्रोई डेल्टा ग्रुप ऑफ कंपनी का मालिक , , दिखने में किसी ग्रीक गॉड की तरफ था । लाखो लड़किया उस पर मारती हैं। इनका नेचर थोड़ा सा खडूस और एरोगेंट हैं ।

अश्विन को देख जल्दी से मैनेजर आता हैं और कहता हैं _" वेलकम सर"

अश्विन मैनेजर की बात पर वो बस अपना सिर हिला देता हैं।

अश्विन अंदर जाने वाला होता हैं की कोई उसके पैरो पर आ कर लिपट जाता हैं।अश्विन कन्फ्यूजन में अपना सिर नीचे करके देखता हैं तो दो छोटे से बच्चे उसका पैर पकड़ कर खड़े उसे देखते हुए कहते हैं , , डैडी , , , ,

डैडी सुन आस पास का एटमॉस्फेयर एक दम से शांत हो जाता हैं सभी मुंह खोले आंखे फाड़े उन दो छोटे बच्चों को देख रहे थे जो की दिखने में उनके बॉस की तरह थे।

अश्विन भी उन्हे ध्यान से देखता हैं तो वाकई में वो छोटे बच्चे कुछ कुछ उसकी तरह दिख रहे थे साथ ही उन्हें कपड़ो पर एक कागज अटैच्ड था ।

अश्विन अपने घुटनो के बल बैठ दोनो बच्चो के कपड़ो से वो कागज निकालता हैं दोनो बच्चे बिना कुछ सोचे समझे अश्विन के गोद में बैठ जाते हैं।

अश्विन वो कागज देखता हैं जो की DNA रिपोर्ट थी उसमे साफ साफ लिखा था दोनो बच्चे अश्विन के हैं। साथ ही उनके नाम लिखे थे ।

छोटी सी बेबी गर्ल का नाम अश्विका लिखा हुआ था वही बेबी बॉय का नाम इधांश लिखा हुआ था।

अश्विन दोनो बच्चो को अपनी गोद में उठा अपने बॉडीगार्ड के हेड शेखर से बोलता हैं , , पता करो यह दोनो बच्चे यह केसे आए अकेले और यह किसके सब पता करो ।

शेखर अपना सिर हा में हिला वहा से चला जाता हैं।

वही अश्विन दोनो बच्चो को ले कर अपने ऑफिस में ले आता हैं जो की टॉप फ्लोर पर था ।

उस ऑफिस का इंटीरियर व्हाइट और गोल्डन में थे सभी समान वहा पर जो थी काफ़ी ज्यादा लक्जरी थी।

वहा एक इंसान के रहने लायक सब सामान था अश्विन के लिए उसका प्राइवेट पेंटहाउस भी उस ऑफिस में अटैच था जो की सीक्रेट था उसके और शेखर के अलावा किसी को उसके  बारे में पता नही था।

अश्विन दोनो बच्चे अश्विका और इधांश को साफ पर बिठा देता हैं और उनके बगल में बैठ खुद उन्हे देखने लगता हैं।

वो दोनो बच्चे भी उसे देख स्माइल कर रहे थे , ,जिससे उनके छोटे से दो दांत चमक रहे थे।

उन बच्चो को देख न जाने क्यों बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था।

सिद्धार्थ अपना फोन निकाल किसी को कॉल लगाता हैं _" 15 मिनिट सिर्फ 15 मिनिट हैं तुम्हारे पास जल्द से जल्द मेरे ऑफिस में आ जाओ " यह बोल वो फोन कट कर देता हैं।

तभी अश्विका रोने लगती हैं , , जिसे देख अश्विन उसकी तरफ देख जल्दी से उसे गोद में उठा बोलता हैं , , _" what happened baby why are you crying  , , "

यह सब बोलते हुए वो सच में परेशान लग रहा था।

वही इधांश अपने पापा को इस तरह परेशान होता देख रहा था जो की उसकी बहन की वजह से था।

इधांश सोफा पर ही खड़ा हो अपने डगमगाते कदमों को बड़ा अश्विन की तरफ आ उससे चिपक बोलता हैं _" डैडी , , डैडी , , ,"

इधांश की आवाज सुन अश्विन उसे देखता हैं उसे उसका डैडी कहना बहुत ही ज्यादा प्यारा और दिल में सुकून पहुंचाने वाला था।

अश्विका की रोने की आवाज इतनी तेज थी की बाहर एक ऑफिस की वर्कर स्टाफ में से एक old lady वहा आ जाति हैं।

वो old lady अश्विन से बोलती हैं _" बॉस शायद बच्ची को भूख लगी होगी आप उसे कुछ खिला दीजिए वो शांत हो जायेगी ।"

उस lady की बात सुन अश्विन अपने स्टाफ को फोन कर दोनो बच्चो के लिए कुछ हेल्थी सा खाना मंगवाता हैं । थोड़ी देर में उसका खाना आ जाता हैं अश्विन दोनो को बारी बारी खिलाता हैं।

अश्विका का रोना बंद हो गया था वो अब खिलखिला कर अपने भाई को परेशान कर हस रही थी। वही इधांश बस उसे देखे जा रहा था।

इधांश और अश्विका को देख अश्विन अपने मन में बोलता हैं _" यह दोनो मेरे जेसे दिखते हैं और इधांश वो तो मेरा ही कॉपी लगता हैं , , पर यह केसे पॉसिबल हैं , ,  में इस DNA report पर विश्वास नहीं कर सकता हु में खुद करवाऊंगा टेस्ट ,  , " यह सोच वो दोनो को देखने लगता हैं।

तभी अचानक से उस ऑफिस का गेट धम्म की आवाज से खुलता हैं , , जिससे अश्विका डर जाती हैं और रोने लगती हैं।

अश्विका के रोने से अश्विन जल्दी से उसे गोद में ले चुप करवाने लगता हैं और ऑफिस के अंदर आए आदमी को घूर बोलता हैं _" आराम से नही आ सकता था , , , रुला दिया न , , मेरी बेटी को " यह बोल वो अश्विका को चुप करवाए जा रहा था।

वो इंसान हैरानी से बोलता हैं , , , _" क्या , , , तेरी बेटी , , , ,"

To be continue

तो केसा लगा मेरी न्यू स्टोरी का पहला चैप्टर , , , बताना मत भूलना , , अच्छे अच्छे रिव्यू दे दो यार इसी बात पर ,  , ,

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