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प्यार में लगी मार

काजू उसे बोल क्या हुआ तुमने मुझे मारा क्यों। रोहाना काजू को देखती है और टैक्सी में बैठ कर घर चली जाने लगती हैं।

काजू भी अपने घर चला जाता है । ओर शाम को रोहाना काजू को पड़ने नहीं आती। अब काजू और रोहाना में बात भी नहीं होती।

यह बात सालनी मैम को पता चल जाती है की रोहाना और काजू ने एक दूसरे से बात करना बंद कर दिया तो। सालनी मैम उन दोनों को मिलाने के लिए एक प्रॉजेक्ट देती हैं। जोकि उने बना था। प्रॉजेक्ट यह था कि एक election बॉड बनाना था । पर इस बात का ध्यान रखना बॉड भांगाड़ के समान से बना चाहिए। रोहाना ने पूछा मैम प्रोजेक्ट बना कर कब जमा करना होगा । सालनी मैम ने कहा कुछ अगले महीने की 2 तारीक को जमा होगा । और तुम दोनो को साथ में बना है । स्कूल के सारे बच्चों को भी प्रोजेक्ट देने हैं अभी। अब तुम दोनों जाओ।

रोहाना घर पर जाकर काजू को कॉल करती है । काजू क्या तुमें कुछ पता है कैसे बनेगए प्रॉजेक्ट । और प्रॉजेक्ट के समान के लिए कोई भांगाड़ की दुकान पता है काजू । काजू कहता हैं। मुझे नहीं पता में अपने दोस्तों से पूछता हु सयाद कोई कुछ बता दे । रोहाना बोलती है ठीक है । रोहाना काजू से बात कर के शकुन महसुश कर रही थी और सोच रही थी। की जो मेने उसके साथ करा उसको बुरा नहीं लगा। रोहाना सोचती है की सयाद मेरी ही गलती थी। काजू अच्छा लडका है वह गलती नहीं करता। पर उसने मुझे बहन भी कहा था। सयाद मुझे पहले ही बता देना चाहिए था की। वह मुझे पसंद है। रोहाना काजू को दुबारा कॉल करती हैं। और कहती हैं कि चलो हम भंगाड़ की दुकान ढूंढते हैं। काजू बोलता हैं ठीक हैं चलो वैसे भी घर में किस का मन लगता है।

काजू और रोहाना बजार में मिलते है और भंगाड की दुकान को ढूंढते है । रोहाना काजू को बार बार बाजार में देखती है । काजू यह बात नोटिस कर रहा था । काजू ने बोला रोहाना तुमे मुझ से कुछ कहना है क्या। रोहाना चौक जाती हैं। और बोलती हैं नहीं नहीं, नहीं तो मुझे कुछ नहीं कहना। काजू और रोहाना फिर से भंगाड़ वाले की दुकान को ढूंढते हैं। रोहाना और काजू को बजार के आखरी में एक भंगाड़ वाला मिलता है । को की एक बूढ़ा आदमी था। काजू अंकल को कुछ बोलता उसे पहले रोहाना ने बूढ़े आदमी से कहा की अंकल दुकान कब तक खुली रहेगी बूढ़े आदमी ने कहा कि अभी तो पुरा दिन बचा हैं दुकान खुलने को । रोहाना बोलती है ठीक है हम तोड़ी देर में आते है। बूढ़े आदमी ने कहा कि समान ज्यादा और अच्छा होगा तो पैसे ज्यादा मिलेंगे। रोहाना बोलती हैं ठीक है अंकल।

काजू रोहाना से कहता हैं की बूढ़े अंकल ने तुने लास्ट में कुछ कहा की समान ज्यादा और अच्छा होगा तो पैसे अच्छे मिलेंगे।

रोहाना काजू को बोलती हैं हम दोनों अभी कहा गए थे। काजू बोलता हैं भंगाड की दुकान पर। रोहाना बोलती है तो भंगाड़ की दुकान पर कबाड़ा बिकता है तो बूढ़े अंकल ने हमे सोचा की हम कबाड़ा बेक ने आए है ।

फिर रोहाना बजार में एक मोमोस वाले की दुकान पर जाती हैं। और कहती हैं कि भईया मेरे लिए दो पलेट गरेबी वाली मोमोस लगा दो। मोमोस वाले भईया मोमोस देते है और बोलते हैं खाओ। काजू और रोहाना मोमोस खाते हैं। चलते हैं रोहाना ने कहा था की भईया पैसे मेरे पापा से ले लेना शाम को। मोमोस वाले भईया बोलते हैं ठीक हैं।

काजू सोचता है की सयाद मोमोस वाला इसके पापा को जनता होगा।

रोहाना बोलती है sorry काजू मुझे माफ करना । मैने तूमे मारा था। और हां एक और बात i love you। में तुमे बहुत पहले ही पसंद कर लिया था जब मुझे सालनी मैम ने हम दोनों की बात करी थी कि पुरे स्कूल मे हमदोनो की बात हो रही है । पर जब मैंने तुम से पूछा तो तुम ने कुछ और बताया। मुझे नहीं पता था की तुम सच बोल रहे हो या फिर सालनी मैम। पर मुझे तुम पसंद थे। काजू बोलता है sorry पर में तुमे पसंद नहीं करता। तुम सिर्फ मेरी एक अच्छी दोस्त हो और कुछ नहीं। सालनी मैम ने स्कूल की बात सुनी और सोचा होगा ऐसा कुछ होगा हम दोनो के बीच में। रोहाना एक अच्छी लड़की हो और ऊपर से समझदार भी तुमे पता है क्या करना है। ओर एक और बात तुम अपने क्लास के जो तुम्हारे दोस्तो का ग्रुप उसे छोड़ दो। वह सब बेकार है पढ़ाई कोई भी नहीं करता और तुम जैसा के भरोशो पर यहां तक आए हैं। बस अब ज्यादा मत सोचो। प्रॉजेक्ट पर ध्यान दो। फिर रोहाना और काजू भंगाड की दुकान पर जा के

जरूरत की जो जो चीजे दिखी वो लेली। फिर अलग से हड़वेरे की दुकान से कलर ले लिया और स्टेशनरी से बैटरी ले ली। फिर सारा समान काजू के घर पर रख दिया। ओर प्रॉजेक्ट बनाने लगे। पहले दिन बस प्रॉजेक्ट के सारे समानों को साफ और कलर कर दिया था बस। अब रात होने वाली थी तो रोहाना घर जाने के लिए तैयार होती है। तो काजू की मम्मी बोलती हैं काजू जा रोहाना को घर छोड़ कर आजा।

रोहाना रास्ते में काजू को एक बार देखती है। रोहाना बोलती हैं ठीक bye काजू अब में चली जाऊंगी। काजू बोलता हैं ठीक है bye अच्छे से जाना। रोहाना पिछे मोड़ कर देखती है कि काजू देख रहा है या नहीं। काजू अपना घर जाता है बस।

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