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Lakshya summer vacation part 1

तो कहानी शुरू होती और हमें दिखाई जाता है लक्ष्य अपने परिवार के साथ ट्रेन में बैठा होता है वह अपने गांव बसेरा जा रहा होता है बस एरिया में उसके ताऊ की लड़की की शादी थी वही वह सारे के सारे जा रहे होते हैं।

लक्ष्य बताता है कि वह अब सातवीं में पड़ता है और इस बीच उसने कई चीज देखी साथ ही साथ अब इस दुनिया में मोबाइल फोन या कहूं स्मार्टफोन जैसे उपकरण भी आ चुके हैं और लक्ष्य को ऐसे उपकरण बहुत पसंद आए और उसने भी कुछ स्मार्टफोन अपने लिए खरीद लिए जिनमें से दो अभी उसके पास है और उसने अपनी मम्मी पापा को दिया है एक मम्मी के लिए और एक पापा के लिए दोनों के लिए एक-एक स्मार्टफोन का इंतजाम किया।(असल में लक्ष्य की गर्मियों की छुट्टियां अभी होती है जिसमें वह अपने गांव जा सकता था इसीलिए वह गांव जा रहे होते हैं)

लेकिन लक्ष्य की बहन जो उसे 5 साल बड़ी थी वह अब 11th क्लास में आ चुकी थी उसे दुनिया के बारे में लक्ष्य से ज्यादा तो पता था परंतु लक्ष्य आज भी उसकी उतना ही इज्जत करता उतना ही से इतना प्यार करता है जितना पहले छोटे होते हुए करता था।

लक्ष्य अपनी ट्रेन को चला देख खुश होता है चाहे वह कितना भी समझदार और बड़ों की तरह रहता हूं परंतु था ही तो एक बच्चा उसे भी पहली बार ट्रेन बैठकर बहुत खुशी होती है।

लक्ष्य बताता है कि उसके पिता ने उनकी चार जनों की ही टिकट करी है वैसे तो वह चार जने ही गांव जा रहे हैं पर उनके पास जो और दो जाने बैठे हैं वे दो भी उधर ही जा रहे हैं।

असल में जो लक्ष्य के पिताजी ने टिकट करी थी वह जिन सीटों की थी उसके पास दो जाने आकर बैठते हैं वह दोनों मियां बीवी होते हैं वे दोनों बहुत हंसी मजाक किया किस्म के होते हैं जी बीच बातों बातों में वह यह बताते हैं कि वे लोग भी बसेरा गांव से है।

और वह भी उधर ही अभी जा रहे हैं वह लोग बताते हैं कि वह अपने घर से दूर जाकर शहर में रहने लगे थे क्योंकि उनके शहर या गांव में बिल्कुल भी रोजगार था नहीं यह था तो वह बहुत कम पैसों में ही था।

जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती इसी कारण वे लोग शहर आ गए यहां काम उधर से तो बिल्कुल ही काम था परंतु जो भी था वह उधर के मुकाबले अच्छा खासा पैसा दे देता था इसी के कारण वे लोग शहर में आकर रहने लगे थे अब कुछ दिन पहले उनके परिवार में उनके पिताजी यानी कि जो वह आदमी बैठा था।

उनके पिता और उसे महिला के ससुर की तबीयत खराब हो चुकी थी उसी के कारण है अब गांव जा रहे थे गांव जाते समय ही अब वह यहां मिल गए इसके बाद जो होगा आगे होगा वह भगवान भरोसे ही होगा।

लेकिन लक्ष्य जो था वह उनकी बात सुन तो रहा था पर ट्रेन की खिड़की से बाहर नजारे देख रहा था उसका उनकी बातों पर ध्यान भी था और नजारे देखे हुए अपना मन भी फैला रहा था।

उसे तभी अचानक से याद आता है की जो उसकी पीठ पर बैग है उसके अंदर उसने अपने स्मार्ट फोन रखे हैं वह उनको निकाल सकता है और उनका इस्तेमाल करते हुए अपना समय प्रतीत कर सकता है क्योंकि वह अभी चित्र है उधर करने को ज्यादा कुछ था नहीं यह सफर में उसे जहां तक ऐसे ही चुपचाप बैठा रहना पड़ता इसी कारण वह यही करने की सोचता है।

वह अपने कंधों पर से अपने बैग को उतरता है और आगे तरफ रखना है वह अपनी पाक की ऊपर ले चैन को खोलना है जिसमें दो पावर बैंक जो उन स्मार्टफोन जैसे उपकरण को बाद में पावर देने के काम आते हैं जब उनमें पावर ना रहती हो और उसके साथ-साथ फोन को चार्ज करने की दो तार भी थी।

वह अपना एक स्मार्टफोन को बाहर निकलता है और उसमें खेलने लगता है वह खेलने को 2 मिनट के लिए रोकना है और चेन लगाकर अपना बैग वापस डाक लेता है पीठ पर जो देखकर वे दोनों जने जो उनके साथ सफर कर रहे थे वह सब के बारे में पूछते हैं और कहते हैं कि हमने स्मार्टफोन के बारे में एक अफवाह सुनी है आजकल के बच्चे इसका इस्तेमाल करके सिर्फ अपना वक्त जाया करने में ही जात अलग रहते हैं और वह लक्ष्य के माता-पिता को सलाह देते हैं कि लक्ष्य को ज्यादा फोन चलाने न दिए करें।

जिसके जवाब में लक्ष्य के माता-पिता कहते हैं हमारा लड़का तो ऐसा ही है वह तो ना हमारी सुनता कभी ना किसी और की सुनता जब उसकी बात आती है वह सिर्फ अपनी चलाता है तीसरे को बोलते यह जवाब देने का ख्याल भी दूर कर देता है।

परंतु जब उन दोनों को पता चलता है कि लक्ष्य के माता-पिता लक्ष्य को उसका फोन चलाने से नहीं रोकेंगे तो वह थोड़े नाराज हो जाते हैं वह मन ही मन सोचते हैं कि उन्हें अपने लड़के को बिगाड़ रखा है बड़ा होकर वह ऐसा ही करेगा जैसा यह भी उसे बना रहे हैं फोन चलाने के कारण यह ज्यादातर आलसी हो सकता है।

फिर वह अपनी सपनों के खयालात से बाहर निकलते हैं और लक्ष्य की बहन को देखकर कहते हैं देखो यह लड़की भी तो है कितनी शांत बैठी है इसे ऐसे किसी भी उपकरण की जरूरत नहीं मन की यह सफर बहुत लंबा है और पेचीदा है परंतु ऐसे उपकरण आप लोगों का दिमाग भ्रमित कर देते हैं ऐसी बातें वह कर रहे होते हैं जिसके जवाब में लक्ष्य अपना फोन बंद कर देता है और उनकी तरफ देखा है।

अपने फोन को वह अपनी बहन को दे देता है और कहता है मेरी प्यारी बहन कुछ देर के लिए मेरा फोन संभालो मैं अभी 2 मिनट के लिए तुम्हें अपना फोन दे रहा हूं उसके बाद मैं वापस लूंगा वह अपने दस्तानों की तरफ देखा है उसमें एक बटन होता है जो देखने में बटन लगा ही नहीं रहा होता है वह उसे दबाता है जिसकी मदद से उसके दस्तानों में से अजीबोगरीब प्रकार की लाइट या कहो रोशनी निकलने लगती है।

वह अपनी दस्तानों की मदद से उन दो के ऊपर बहुत बड़ा ग्रेविटी प्रेशर ला देता है असल में ग्रेविटी प्रेशर का मतलब है जो गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी हमारे ऊपर लागू करता है उसका प्रभाव बढ़ा देना यह घटा देना वह उसे बहुत जल्दी-जल्दी बढ़ता है या घटता है और दो का स्थान बार-बार चेंज हो रहा था क्योंकि वह ट्रेन में थी।

उन्हीं के साथ परंतु उसे ऐसा भयानक कार्य करते हुए देखा लक्ष्य के माता-पिता हैरान हो जाते हैं वह लक्ष्य को कहते हैं कि वह ऐसा ना करें।

लक्ष्य कहता है तुम लोगों ने मुझे कुछ भी कहा मैं सह लिया मेरी मम्मी पापा को बोला उन्हें सहेलियां मैं सहेलियां पर मेरी बहन की ओर देखना भी मत ऐसा कहते हुए वह उन्हें डराने की कोशिश कर रहा होता है।

गैस आप सब से माफी मांगना चाहता हूं क्योंकि मेरा आज इंटरनेट खत्म हो रहा है और इसी के कारण मैं बहुत लेट लेट चैप्टर डाल पाऊंगा और यही वजह है कि मैंने जो हफ्ते में एक चैप्टर डालने की बोली थी उसे चेंज करना पड़ गया परंतु मैं किसी से हॉटस्पॉट के थ्रू इंटरनेट लूंगा और फिर बनाकर चैप्टर डालने की कोशिश सबसे ज्यादा करूंगा मैं चैप्टर रेडी करूंगा और हर 10 तारीख हर 20 तारीख और हर 30 तारीख को एक चैप्टर आया करेगा

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