webnovel

सुंदर प्रोफेसर

Author: Daoistrvoe0f
Fantasy
Ongoing · 126.7K Views
  • 35 Chs
    Content
  • 5.0
    15 ratings
  • NO.200+
    SUPPORT
Synopsis

जॉन(एक बिजनेसमैन) जो कि हर साल विकलांग स्कूल में डोनेट करता है, एक दिन उसी स्कूल से एक प्रोफेसर (साराह)आती हैं, जो बहुत सुंदर है, उसको देखते ही, जॉन उसके प्यार में पड़ गया।

Chapter 1सुंदर प्रोफेसर

जॉन अपने चेयर में बैठा है, वो कुछ काम कर रहा है, तभी दरवाजे पर दस्तक होती है, लड़की की आवाज में।

"क्या मैं अंदर आ सकती हूं।"

जॉन "जी आइए"

जॉन देखता है, एक बहुत ही सुन्दर लड़की है, जिसे जॉन देखते ही रह जाता है।

लड़की "क्या मैं बैठ सकती हूं"

जॉन हां में सर हिलाता है। लड़की बैठ जाती हैं।

लड़की " मेरा नाम साराह है, मै विकलांग स्कूल की टीचर हूं, मैने सुना है कि आप हमारे स्कूल में डोनेट करते हैं, प्रिंसिपल मेम को कुछ अर्जेंट काम आ गया था, इसलिए आज मैं आई हूं।

जॉन बात समझते हुए बोलता है।

जॉन "जी अच्छा हुआ आप आ गए"।

साराह " आपके कहने का मतलब"

जॉन बात पलटते हुए चेक निकालता हैं,

जॉन "मैं बिजनेस के सिलसिले से यूएसए गया था, वहा से आने के बाद भूल गया कि स्कूल जाना है प्यारे बच्चो से मिलने, अच्छा हुआ आप आ गए मुझे याद आ गया।"

चेक साराह को देदेता है।

साराह "थैंक यू सर हैव अ नाइस डे" आप जरूर आए समय निकालकर हमे बहुत खुशी होगी। जी मुझे जाना होगा।

जॉन " येस यू कैन गो"

साराह चली जाती हैं। जॉन अपने सिर पर हल्का सा मारता है, और अपने आप से बात करता है।

"ये मुझे क्या हो गया है, मैं ऐसे क्यों कर रहा हूं, मैं सही से बात नही कर पाया मुझे काम पर फोकस डालना है, याद आया वो तो एक टीचर है, उसकी तो शादी भी हो गई होगी मैं शादी सुदा को..... हम्म्म नही। कंट्रोल जॉन अपने इमोशन को रोको आज तक शादी वादी की नही तो आगे कैसे? मैं बहुत ज्यादा सोच रहा हूं, नही चलो कल स्कूल चलते है, उसके बारे में सब पता करते है, ठीक है, हां।"

खुद से ही इतनी सारी बात करके खुश हो जाता है, और अपने काम पर वापिस लग जाता है।

अगले दिन सुबह जॉन जल्दी उठता है, तैयार होकर मां के पास जाता हैं।

मां "बेटा आज इतनी जल्दी तैयार होकर कहा"

जॉन "मां मैं स्कूल जा रहा हूं, जहा मैं हर साल डोनेशन करता हूं।"

मां "अच्छा पर इतनी जल्दी स्कूल में टीचर प्रिंसिपल ये जल्दी जाते हैं, तुझे बाद में जाना चाहिए। आराम कर फिर जाना।"

जॉन (कुछ सोचकर)"वो मां मैं बच्चो को सरप्राइज़ देना चाहता हूं, इसलिए जल्दी जा रहा हूं, मुझे आशीर्वाद दो"

मां "मेरा आशिर्वाद हमेशा तेरे साथ है, पर...."

जॉन "वो कुछ जरूरी काम भी हैं इसलिए"

मां "हां मुझे पता है, कुछ जरूरी काम होगा मैं कह रही थी नाश्ता किया या वही खायेगा।"

जॉन " जी नाश्ता कर लिया अब मैं चलता हूं।"

जॉन कार में जाता है, वो बहुत खुश हैं, स्कूल पहुंचता है, उसकी नजरे साराह को ही ढूंढ रही थी। पर वो कही दिखी नही। स्कूल का गार्ड उसे पहचानता था, इसलिए बिना किसी पूछताछ के अंदर जाने दिया। जॉन प्रिंसिपल के पास जाता हैं।

प्रिंसिपल "सर जॉन आप आइए बैठिए"

जॉन बैठ जाता हैं।

प्रिंसिपल "आप क्या लेंगे चाय कॉफी"

जॉन "नो थैंक्स, मैं बच्चो से मिलने आया था।"

प्रिंसिपल "जी जरूर अभी तो बच्चो की प्रेयर का टाइम हो गया है, आज प्रेयर आपके लिए स्किप करवा देती हूं।"

जॉन "कोई बात नहीं मैं ऐसे ही देखना चाहूंगा।"

प्रिंसिपल "जी जैसी आपकी मर्जी"

प्रिंसिपल और जॉन जाते हैं। जॉन की नजरे साराह को ही ढूंढ रहे थे, पर वहा वो नही दिख रही थी, जॉन अंदर से परेशान हो रहा था, उसने बच्चो को प्यार दिया। फिर दूसरी कक्षा में, ( विकलांग बच्चों को प्रेयर उनकी क्लास में ही करवाई जाती है) इसलिए जॉन को हर क्लास में जाकर बच्चो से मिलना था। जब वो छोटे क्लास के बच्चो से मिलने जाता हैं तो वहां साराह होती हैं, उसे देख कर जॉन को खुशी होती हैं।

जॉन "वाह"

ये बोलते ही उसे आभास होता है कि सब उसे ही देख रहे हैं। जॉन बोलता है।

जॉन "वाह बच्चो तुम सब कितने अच्छे से खेल रहे हो कोई टीचर को परेशान भी नही कर रहा है।"

प्रिंसिपल " हां आपने सही कहा बच्चे बहुत प्यारे हैं, और टीचर भी अच्छी मिली है।"

जॉन "बच्चो को अभी क्या पढ़ाया जा रहा है।"

प्रिंसिपल साराह को इशारा करती हैं।

साराह "गुड मॉर्निंग सर मैं साराह हूं, अभी ये बच्चे प्राइमरी में हैं, इसलिए मैं इन्हें प्ले वे मैथड से इंग्लिश अल्फाबेट सिखा रही थी।"

जॉन साराह से बात बढ़ाने के लिए बोलता है।

जॉन "जी आपको मैने कही देखा हैं शायद"

साराह " मैं आपसे कल मिली थी।"

जॉन भूलने का अभिनय करता है।

जॉन "कल?"

साराह "डोनेशन के सिलसिले में"

जॉन "हां याद आया, मेरे असिस्टेंट ने बताया था।"

साराह "आपसे दोबारा मिल कर अच्छा लगा।"

जॉन "मुझे भी"

जॉन "यहां के सभी टीचर को मैने देखा आप?"

प्रिंसिपल "साराह को इस स्कूल को ज्वाइन किए अभी 6 महीने ही हुए हैं।"

तभी एक लड़की क्लास में आती हैं,(मोना)। जॉन को देखते ही बोलती है।

मोना "हैलो सर मोना" हाथ बढाती हैं"

जॉन "हैलो"

हाथ बिना मिलाए।

जॉन "दो टीचर?"

प्रिंसिपल "सर एक क्लास में दो टीचर को हायर किया गया है, क्योंकि छोटे बच्चे है।"

जॉन "अच्छा, अब मुझे जाना होगा, आप जारी राखिए"

प्रिंसिंपल "जी जैसी आपकी मर्जी आप पहले ही बता देते तो, आपका अच्छे से स्वागत करते।"

जॉन "कोई बात नहीं आज मुझे आकर बहुत अच्छा लगा।"

बच्चो को प्यार देकर प्रिंसिपल के साथ बाहर जाता हैं।

उनकेजाने के बाद मोना बोलती हैं।

मोना "ये क्या मैने हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया था, पर उन्होंने हाथ भी नहीं मिलाया"

साराह "क्या मोना सर जल्दी में थे, भूल गए, अब चलो बच्चे बोर हो रहे हैं।"

जॉन अपनी कार में बैठता है, प्रिंसिपल बोलती हैं।

प्रिंसिपल "सर जॉन आपने बहुत ही अच्छा सर्प्राइज दिया, जब आप अगली बार आएंगे तो प्लीज मुझे इनफॉर्म कर देना अच्छे से स्वागत करेंगे, आज के लिए खेद है"

जॉन "जी जरूर"

अलविदा करके चला जाता हैं। जॉन ऑफिस पहुंचता है, और बहुत खुश होता है क्योंकि उसने साराह को ढूंढ लिया था, सब ऑफिस में उसे 'गुड मॉर्निंग' कह रहे थे, पर जॉन साराह के बारे में सोचते हुए चल रहा था, उसने लोगो पर ध्यान भी नहीं दिया, सभी हैरान होकर जॉन को देख रहे थे, क्योंकि जॉन सबको ग्रीटिंग करता था, पर आज अलग व्यवहार कर रहा था। जॉन अपने केबिन में गया चेयर में बैठा लैपटॉप को खोला और उसने सोचा कि "मैं आज दोपहर को स्कूल जाऊंगा और उसे पिक करके उसे घर तक छोड़ दूंगा" वह इसकी कल्पना करता है और खुश हो जाता हैं। वह सारा काम खतम करके दोपहर को स्कूल जाता हैं, पर कार अंदर नहीं ले जाता हैं, वह बाहर से ही साराह का इंतजार करता है, सभी टीचर बाहर आती हैं, साराह भी आती हैं, जॉन सोचता है कि "मैं थोड़े देर से जाता हूं वो इंतजार कर रही है, नही तो उसे शक हो गया तो" वह देखता है कि साराह किसी को कॉल कर रही हैं, फिर जल्द ही एक लड़का बाइक में आता है साराह उससे बात करती हैं और वह लड़का उसे हैंलमेट निकाल कर देता हैं। जॉन ने उसका चेहरा नही देखा पर वह बहुत ही हैंडसम लग रहा था, वह साराह को बाइक में बैठाकर ले जाता हैं।

जॉन का चेहरा फिर उतर गया वह सीधा घर गया।

You May Also Like

"इन्सेनली पैम्पर्ड वाइफ : डिवाइन डॉक्टर फिफ्थ यंग मिस "

वो एक सम्मानित जनरल के घर की पाँचवी यंग मिस थी, पर उसे बेकार कचरे से ज़्यादा कुछ नहीं समझा जाता था। स्वभाव से स्वच्छंद और इश्कबाज़, एक दिन वो जिस आदमी का पीछा कर रही थी, उसी के आदमियों द्वारा मार दी गई। वो एक प्रतिभावान लड़की थी जिस पर स्वर्ग के मालिक की असीम कृपा थी। लेकिन एक षडयंत्र के चलते उसकी मृत्यु हो गयी और उसके सारे वंशज भी मार दिए गए।उसने खून के बदले में खून की कसम खायी। जिस दिन उस प्रतिभावान लड़की ने अनजाने में उस बेकार लड़की के शरीर में प्रवेश किया और अपनी आँखें खोलीं, उस कचरे जैसी लड़की की किस्मत पूरी तरह से बदल गई!! क्या अमृत का संशोधन और हथियारों को पिघलाना इतना मुश्किल था? उसके लिए यह बाएं हाथ का खेल था। क्या जानवरों के संचालक दुर्लभ थे? उसने बड़ी आसानी से सम्राट जानवरों के संचालक का खिताब पा लिया! ज़बरदस्ती करवाई गई शादियाँ? क्या पुरुष इसलिए अभिमानी हो रहे थे क्योंकि वो अच्छे दिखते थे? वो अपना हाथ आगे बढ़ती है और बड़ी शातिरना ढंग से हसीन दिखने वाले पुरुषों को अपनी तरफ खींच लेती है। कुटिल नज़र, हल्की सी चमकती हुई हलचल, और वो आदमी अगले ही पल वहाँ से गायब हो जाता है। उसने पीछे मुड़ कर देखा, उसकी कुटिल मुस्कान बहुत कातिलाना है। “हमें अपनी बातचीत जारी रखनी चाहिए, क्यों न हमारा एक बच्चा हो”! प्रस्तुत है एक बेहद रोचक कहानी जो कि देहांतरण पर आधारित है और जिसके किरदार बहुत मज़ेदार हैं जो आपको गुदगुदा देंगे।

Shan Gumu · Fantasy
Not enough ratings
60 Chs
Table of Contents
Volume 1