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Poem No 46 कम हो या ज़्यादा

कम हो या ज़्यादा

कुछ भी अच्छा नाही होता

प्यार मोहब्बत मे

बिलकुल ही अच्छा नाही होता

कोई भी कार्य मे

बिलकुल अच्छा नाही होता

समतुलन से चलता रहे

बहूत ही अच्छा होता

कम हो या ज़्यादा

कुछ भी अच्छा नाही होता

----Raj

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