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Poem No 12 मंज़िल का तो पता नहीं

मंज़िल का तो पता नहीं पर

रास्ते बहुत सारे हैं

चैन किस रास्ते का करूँ

यह सब से बड़ा सवाल है

जो भी रास्ते चैन करें

साफर बड़ा मुश्किल है

मंज़िल का तो पता नहीं पर

रास्ते बहुत सारे हैं

---Raj

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