webnovel

Shairy No 13

अर्ज़ कुछ यूँ किया है जरा गौर फरमाईयेगा

तारीफ मैं उसकी करता हूँ जो तारीफ के हक़दार हो

तारीफ मैं उसकी करता हूँ जो तारीफ के हक़दार हो

पर तारीफ मैं उसकी कैसे करूँ जो लाजवाब हो

Next chapter