webnovel

जाओ, जितनी दूर जा सकते हो! (2 )

Editor: Providentia Translations

किन जहीए बहुत देर तक अपमान और भय में डूबी हुई थीं, इसलिए जब वह अचानक जागी तो वह थोड़ी गुमसुम थी। स्थिति से अनजान होने के कारण, उसने अपना सिर घुमाया और परेशान होकर गु यूशेंग को देखा।

वह बहुत देर तक रोती रही। हालांकि, उसने जो सौन्दर्य प्रसाधन का इस्तेमाल किया था वो वाटर प्रूफ था, फिर भी थोड़ा सा उसका श्रृंगार आंसूओं से खराब हो गया था, लेकिन उसकी आंखे अभी भी सुन्दर और आकर्षक लग रही थी जैसी वो थी, यहां तक कि रोने से और उज्जवल हो गई थी, उसके आंसू अभी भी गिर रहे थे। 

किन जहीए बहुत खूबसूरत और थोड़ी मासूम लग रही थी। वह इतनी मासूम लग रही थी कि उसके सीने में लगी आग और भी ज्यादा भड़क गई। उसने सिगरेट को सामने की विंडशील्ड पर अचानक फेंकते हुए कहा, "मैंने कहा था जाओ ! तुम समझ नहीं आया ?"

उसके अनावश्यक शब्दों से किन जहीए को आखिरकार स्थिति समझ आ गई थी। गु यूशेंग वास्तव में उसे जाने ले लिए कह रहा था और उसे कभी नहीं छुएगा। 

"तुम अभी भी यहां पर क्यों बैठी हुई हो ? क्या तुम चाहती हो मैं तुम्हें फिर से परेशान करू?" यह सुनकर किन जहीए थोड़ा सा घबराई, जैसे कि यूशेंग उस पर फिर से हमला करेगा, इसलिए उसने धक्का देकर कार का दरवाजा खोला और बाहर कूद गई। 

यह देखते हुए किन अपने आपको यहां से दूर कर लिया, गु यूशेंग ने अपने दांतों को कुरेदते हुए, रूखी आवाज में कहा, "तुम्हें याद है कि तुमने मुझसे क्या कहा था ! जब भी अगली बार तुम मुझे देखोगी मुझे बहुत दूर चली जाओगी। 

अगर तुम सिर्फ कायर हो तो मेरे साथ खिलवाड़ मत करो। "

ऐसा दिख रहा था जैसे किन जहीए पीछे से कुछ पलके लिए स्थिर हो गई थी, उसने कोई प्रतिकिया नहीं दी, सिर्फ दरवाजे को बंद किया और जितनी जल्दी हो सके उतनी तेजी से सड़क के किनारे कदम रखा। 

इससे पहले कि वह फुटपाथ पर आए, कार अचानक से आगे की ओर चल पड़ी। 

पीछे देखने वाले शीशे में गु यूशेंग ने उस लड़की को देखा जो अभी अभी कार से नीचे उतरकर सड़क के किनारे पर खड़ी थी, जैसे कुछ सोच रही थी। 

किन की पोशाक गु यूशेंग ने फाड़ दी थी, जगह-जगह त्वचा उसके कंधे, पीठ और छाती पर नजर आ रही थी। 

गु यूशेंग को क्रोध आया और उसने ब्रेक को अचानक से दबाया। 

उसने एक सिगरेट निकाली और अपने होंठो के बीच लगा ली, लेकिन अचानक उसे थूक दिया जब वह उसे जलने वाला ही था, फिर कार का दरवाजा खोला और बाहर निकल गया। 

उसने दरवाजा बंद किया और किन जहीए की ओर बढ़ गया, जो काफी दूर खड़ी थी। 

गु यूशेंग ने चलते हुए अपने हाथ को उठाया और अपना सूट खोल दिया। 

उससे कुछ दूर रूककर, उसने सूट जैकेट को उतार कर उसकी ओर फेंक दिया, फिर वह घूम गया और बिना कुछ कहे कार की ओर वापस चला गया। 

जब गु यूशेंग ने सिर्फ दो कदम ही आगे बढ़ाये थे, किन उस पर उत्सुकता से चिल्लाई ," गु यूशेंग!" 

गु यूशेंग कुछ पल के लिए संकोच किया लेकिन पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

जैसे ही आगे चलने लगा, तो हाथों की एक जोड़ी ने बहुत ताकत के साथ उसकी पीठ को धक्का दिया। बिना किसी बचाव के गु यूशेंग को आगे की ओर धक्का लगा। 

गु यूशेंग ने आगे की ओर ठोकर खाई, तब पीछे से एक बहुत बड़ी दुर्घटनाग्रस्त आवाज सुनाई दी, जब उसने अपने पैरों को स्थिर किया था।

Next chapter