मु याज़े के पास युन शीशी के दर्द के बारे में सोचने का कोई समय नहीं था,क्यूंकि,उस समय वो बेशर्मी से केवल उसे चाहता था।
मु याज़े के लिए,यह उसके जीवन का सबसे खास समय था। कोई भी पुरुष इस समय को बर्बाद नहीं करना चाहेगा,खासकर जब उनके पास एक ऐसी महिला हो,जिसके लिए उनके मन में कोई भावना नहीं थी!
'उसके प्रति दयावान होना?'
वो उसका मालिक था। यहां तक कि उसने इस काम के लिए उस लड़की को एक भारी रकम भी दी थी। यह ऐसा दर्द था,जिसे युन शीशी को झेलना ही था।
वह दर्द, शिकायतें और मुसीबतें जो वो सह रही थी,सब अनियंत्रित रूप से उसके आँसुओं के साथ बह गया।
वो दर्द से एक बार चिल्लाई, उसकी आँखें पूरी तरह से लाल हो रही थीं, फिर उसने अपने निचले होंठ को कस के दबा लिया,और खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया। हालाँकि,वो वास्तव में इस तरह के हिंसक हमले को सहन करने में असमर्थ थी। वो तेज़ी से हांफ रही थी,और जब उससे सहन नहीं हुआ,तब वो रुक-रुक कर सिसकियाँ लेने लगी।
"ओह...ओह..."वो अंत में एक खोये हुए बिल्ली के बच्चे की तरह टूट गयी।
वो आदमी एक निर्दयी बादशाह की तरह था,जिसने क्रूरतापूर्वक उसका सब कुछ लूट लिया था।
वह असीम दर्द जो वो महसूस कर रही थी,ऐसा था जैसे कि समुद्र की कठोर लहरें; जिसमें वो कभी डूब रही थी, और कभी तैर रही थी।
धीरे-धीरे खुद को ढीला छोड़ते हुए,वो कहीं खो गयी। उसने किसी चीज को पकड़ने के लिए अपनी उंगलियों को फैलाया,लेकिन वहां ऐसा कुछ नहीं था जिसे वो पकड़ सके। उसके सामने सब कुछ काला था और उसका मन असमंजस में था।
वे एक-दूसरे में पूरी तरह से समा गए थे।
पसीने से उनके शरीर गर्म हो रहे थे। मु याज़े ने अपनी उंगलियाँ उसके बालों में गाड़ दीं। वो और अधिक की लालच कर रहा था।
युन शीशी ने बुझे हुए मन से उसकी मिन्नत की।
जब वे दोनों चरम सीमा पर थे,तभी अचानक मु याज़े ने अपनी गर्दन पर गर्म नमी महसूस की। उसने अपनी आँखें थोड़ी ऊपर उठाकर देखा,वो लड़की अपने होंठों को काटते हुए दर्द से तड़प रही थी।
मु याज़े का चेहरा कड़ा हो गया। उस लड़की के छोटे से चेहरे की तरफ देखकर,उसने अनजाने में अपना सिर नीचे किया और अपने होंठों को उसके होठों पर रख दिया। मु याज़े की जीभ की नोक युन शीशी के मुँह की गुफा में चली गयी,और अंदर जाकर उसकी जीभ को पकड़ लिया। उसने अपनी जीभ उसकी जीभ में फंसा दी और उसे घुमाने लगा।
उनके लिए किस करना मना था!
किस करने का मतलब था,कि उनके बीच में प्रेम था !
उसने पहले कभी किसी लड़की को चूमा नहीं था, क्योंकि उसकी नज़रों में, उनके होंठ गंदे होते हैं। उसके आसपास रहने वाली महिलाएं हमेशा समाजवादी, धनी परिवारों की बेटियां या सेलिब्रिटी थीं,और उसने कभी भी उन तितलियों को छुआ तक नहीं था। हालाँकि,वो नहीं जानता था कि क्यों, लेकिन उसने सही में युन शीशी को चूमा था।
साफ़ शब्दों में,वो उसके जीवन में पहली महिला थी। उसे नहीं पता था कि चुंबन का अनुभव इतना स्वादिष्ट हो सकता है।
मु याज़े की आँखों में थोड़ा जूनून था और उसने धीरे से युन शीशी के बदन को अपने आप से ढक दिया। अपनी दबी हुई प्यास को उसने आखिर बुझा ही लिया।
उस समय वो अपने अंदर नरमी और रोमांच महसूस कर रहा था।
आख़िरकार वो एक दूसरे में डूब गए…।
...
अंधेरे में, युन शीशी ने अपनी आँखें खोलीं। उसकी आंखों पर लाल रेशम का टुकड़ा ठंडे पसीने से पूरी तरह भीग चुका था।
तभी,उसने बाथरूम से शावर के पानी की आवाज़ सुनी।
युन शीशी ने अपने शरीर को थोड़ा हिलाने की कोशिश की,लेकिन उसे अपनी उंगलियों में एक तेज दर्द महसूस हुआ। शायद रात को उसने बिस्तर के कोनों को ज़ोर से पकड़ा हुआ था,जिसकी वजह से उसके नाखून टूट गए।
उसने खुद को समझाने की कोशिश की। और अपने आप से बार- बार कहा- 'सब कुछ ख़त्म हो गया है। सब कुछ ख़त्म हो गया है '...उसने उम्मीद की कि,यह एक बार उसे गर्भवती करने के लिए काफी था।
उसे मु याज़े का बच्चे पैदा होने तक वहां इंतजार करना था। बच्चा होने के बाद,वो अपना पैसा लेकर जा सकती थी,और अपना सामान्य जीवन जी सकती थी।
उस वक़्त आधी रात हो चुकी थी।
मु याज़े ने एक शॉवर लिया और कपड़े बदल लिए। उसका लंबा और चौड़ा शरीर कमरे में खड़ा था,और वो काफी अच्छा दिखता था। उसकी आँखों में कोई भाव नहीं थे। चांद कि रौशनी में,उस लड़की ने सफेद चादर से खुद को ढक लिया,उसकी साँसे अभी भी तेज़ चल रही थीं। उसके चिकने बदन पर उस आदमी की क्रूरता के निशान थे।
बिस्तर पर खून के छीटें ऐसे लग रहे थे जैसे एक लाल रंग का फूल खिल रहा हो। वह एक भयंकर नज़ारा था।
युन शीशी बिस्तर में स्थिर पड़ी हुई थी,मु याज़े के सामने उसकी पीठ थी। उसका शरीर,जो मुड़ा हुआ था,कांप रहा था और पत्थर जैसा कठोर हो गया था। मु याज़े ने युन शीशी की तरफ देखा- उसके रेशमी, मुलायम बाल, पूरी तरह से पसीने में भीगे हुए थे,और तकिये के किनारे पर उलझे हुए फैले पड़े थे।
मु याज़े ने उसे बेरुखी से देखा और वहाँ से जाने से पहले,एक पल के लिए बिना हिले वहाँ खड़ा रहा।