webnovel

शी लिन के मां कहलाने लायक नहीं हो

Editor: Providentia Translations

"मुझे नहीं लगता कि शी लिन भी तुम्हे अपनी मां मानने को तैयार है । मुझसे अपने स्वाभिमान के बारे में बात मत करो, इस समय तुम्हे पैसों की सबसे ज्यादा जरुरत है , इसलिये पैसे लो और बकवास बंद करो। ये आखिरी बार है , जब मैं और मुबाइ तुमसे मिलने आये , इससे ज्यादा तुम कुछ भी पाने लायक नहीं हो। और वैसे भी , बहुत जल्द मैं ,मुबाइ से शादी करने वाली हूं , तुम चिंता मत करो , मैं तुम्हारे बेटे का विशेष ध्यान रखूंगी"। 

अपनी बात कहने के बाद , तेंजिन जाने के लिये मुड़ी । 

 " रुको" । जिंगे ने उसे पीछे से बुलाया । 

तेंजिन इसी बात का इंतजार कर रही थी कि जिंगे को कब गुस्सा आये । वो जल्दी से उसकी ओर मुड़ी और उसे दुष्टतापूर्ण नजरो से उसे घूरते हुये कहा, " क्यों ? क्या मैंने गलत कहा"? 

जिंगे ने उसका क्रेडिट कार्ड, उसके पैरों पर फेंका और बोली, "तुम अपना कचरा लो ओर जाओ यहां से"! 

"शिया जिंगे , मैं तुम्हारी मदद करने की कोशिश कर रही हूं। तुम्हारी हालत भिखारी की तरह है , फिर भी इतनी जिद क्यों करती हो? तुम क्यों हमारी सहायता स्वीकार नहीं करती? मैं जानती हूं कि तुम अपनी जिद और घमंड पचा नहीं कर सकती लेकिन अपने बेचारे चाचा के बारे तो सोचो । उनका इलाज तुम बिना पैसों के कैसे करवाओगी?या तुम उन्हे मरते हुए देखना चाहती हो ?" तेंजिन ने जानबूझकर जिंगे के दुखती रग पर निशाना साधा । 

जिंगे को झुककर उसके पैरों के नीचे से कार्ड लेना पड़ता, क्योंकि वो जानती थी कि, जिंगे अपने चाचा को मरते हुए नहीं देख सकती । ये सोच कर उसे खुशी महसुस हो रही थी । 

वो हैरान रह गई कि जिंगे टस से मस नहीं हुई । वह बोली, " चुप रहो, तेंजिन , तुम कौन होती हो मुझे बताने वाली?मैं फिर से वही करुंगी,क्योंकि ऐसा लगता है कि, तुम बिल्कुल बेवकूफ़ हो,जो इंसानों की भाषा नहीं समझ सकती ,अपना कूड़ा उठाओ और जाओ, अस्पताल में गंद न मचाओ।"

 "तुम…"तेंजिन जितना अपने शब्दो से गुस्सा जाहिर कर रही थी, वास्तव में कहीं ज्यादा गुस्सा आया था, "शिया जिंगे ,उन हाथो को मत काटो ,जो तुम्हें मदद करना चाहते हों।तुम्हे क्या लगता है , क्या सच में , मैं तुम्हारी मदद करना चाहती हूं? मैं सिर्फ इसलिये कर रही हूं क्योंकि तुम शी मुबाइ की पूर्व पत्नी और शी लिन की मां हो ।इसलिये अपने आप को ज्यादा ऊंचा न सोचो"।

 "तुम लोग इस तरह से शोर क्यों मचा रही हो? ये अस्पताल है!" अचानक , चेंगवू का मुख्य डॉक्टर टहलते हुए आ गया और उसने उन दोनों को फटकार लगाई । 

तेंजिन ने मुस्कुराते हुए डॉक्टर की तरफ देखा ," बहुत दिनों बाद,डॉक्टर वोंग"।

डॉक्टर वोंग भी उसे देख अचंभित हो गए और देखकर मुस्कुराए , " ओह, मिस चू ,तुम । लेकिन तुम यहां क्यों आई , क्या तुम्हारे परिवार के सदस्य को कुछ हुआ है"?

डॉक्टर वोंग से बात करने से पहले , तेंजिन अपमानजनक दृष्टि से जिंगे को देखना भूली नहीं , "ओह , नहीं लेकिन पूछने के लिये शुक्रिया । मैं यहां जिंगे के लिये आई हूं, वह मेरी पुरानी दोस्त है । उसके चाचा कैसे हैं"? 

डॉक्टर वोंग ने दोनों को वास्तव में दोस्त समझा,इसलिये सच्चाई के साथ जवाब दिया, "मरीज़ की सेहत सही नहीं लग रही , उसे किडनी प्रत्यारोपण की जरुरत है नहीं तो तो उसकी स्थिति और भी खराब हो जायेगी"।

 "ओह , मुझे नहीं पता था कि परिस्थिति इतना गंभीर रुप ले लेगी कि प्रत्यारोपण की जरुरत पड़ेगी । ऑपरेशन जरुर महंगा होगा न? तेंजिन नकली चिंता जताते हुये बोली ।

डॉक्टर वोंग ने सर हिलाया और कहा, " वास्तव में यह सस्ता नहीं है । ऑपरेशन की कीमत 300000 आरएमबी है"। 

 तेंजिन खुद को रोक नहीं पायी और खूशी से हंस पड़ी।

उसने अपनी हंसी रोकी और बोली, " डॉक्टर वोंग , जैसा कि मैने कहा था , मिस शिया मेरी पुरानी दोस्त है , मैं उसके चाचा के ऑपरेशन के फीस भरुंगी। चाहे जितना भी फीस हो , मैं भर दूंगी ,इन लोगों को तकलीफ मत देना ।ये दोस्ती में कुछ नहीं"।

डॉक्टर वोंग ने चकित होते हूए जवाब दिया, "लेकिन मरीज की फीस पहले ही दी जा चुकी है"।

तेंजिन की आवाज में हैरानी के साथ बोली, "आप क्या बोल रहे हैं"? 

 "उन्होने ऑपरेशन की पूरा फीस 300000 आरएमबी भर दी है। क्या उन्होंने तुम्हें नहीं बताया"?

 तेंजिन अजीब ढंग से हंसी। 

वह जिंगे की तरफ आश्चर्यजनक रुप से देखकर बोली, "ये कैसे संभव हुआ? उनके पास पैसा नहीं था, 300000 कहां से मिला"? 

तेंजिन जानती थी कि, 300000 भिखारी शिया परिवार के लिये चॉंद तोड़ने जैसा था।

जिंगे के कपड़े नाइट मार्केट में सिले गए थे और वे झुग्गी में रहते थे , इसलिये चेंगवू के मेडिकल बिल के लिये 300000 आरएमबी देने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता था ।

डॉक्टर वोंग ने फिर से वही बात कही ,"लेकिन उन्होने सच में पूरी राशि दे दी , तुमसे झुठ बोलने का कोई कारण नहीं है"। 

 तेंजिन ने जिंगे को संदेह से देखा। जिंगे के दिमाग मे जो सोच सबसे पहले आयी , वह यही थी कि जरुर जिंगे ने कुछ निर्लज्जता भरे काम किये होंगे।

Next chapter