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वह उसका कोई कर्ज़ बाकी नहीं रखना चाहता था

Editor: Providentia Translations

"क्या कुछ और काम है, सीईओ शी?"चांग अन पूछने के लिए मुड़ा । 

मुबाइ की गहरी आंखे चमक गयी जब उसने पूछा, " जिंगे की शारिरिक स्थिति कैसी है ?"

चांग अन सोचा और फिर सच्चाई से जवाब दिया, "मिस शिया शारिरिक तौर पर कमज़ोर दिखती हैं,लेकिन मानसिक रुप से स्वस्थ है ।वो काफी शांत थीं और उसकी आंखे हमारी बातचीत के दौरान स्थिर थीं। "

मुबाइ ने मन ही मन राहत की सांस ली, "धन्यवाद, अब तुम जा सकते हो ।"

"हां"

चांग के जाने के बाद , मुबाइ वापस आये चेक को देख रहा था । वह ग्लानि से ग्रस्त हो गया और महसूस करने लगा कि उसे जिंगे के लिए कुछ करना चाहिये । 

शायद वह अपना कार्यक्रम खत्म करने के बाद निजी तौर पर उसपर ध्यान देता।

जिंगे ने साफ़-साफ़ कह दिया था कि पैसा उसे नहीं चाहिये, लेकिन मुबाइ की नज़र में पैसा जिंगे का था, वह उसे कोई भी चीज नही देना चाहता था । 

काम पर ध्यान केंद्रित करने से पहले मुबाइ ने लंबे समय तक इस पर प्रकाश डाला ।

दूसरी ओर शिया ची इस जिद पड़ अड़ गया कि वह जिंगे को अस्पताल ले जाना है ।

उसने जिद की कि जिंगे शारिरिक जांच कराने जाये । पर उसकी मिन्नतों और धमकी से कोई लाभ नही हुआ …।

"दीदी, अगर तुम अभी भी अस्पताल जाने से मना कर रही हो तो , तो मैं शी मुबाइ को कॉल करके एक करोड़ मांग लूंगा । मैं यह जानता हूं यह अनिच्छा चेक को इंकार करने के कारण है, क्योंकि उससे हमारा आर्थिक बोझ कम होता।" शिया ची ने धमकाया ।

जिंगे कोई सहायता नही कर सकता था सिर्फ हंसा ।

वह किसी तरह से बिस्तर से उठी और तैयार हो गई, "अच्छा ठीक है , तुम जीते। मैं अस्पताल जाऊंगी लेकिन एक शर्त है"।

शिया ची खूश हो गया"हां ! ठीक है, बोलो!"

"अगर मैं शारिरिक जांच कर लूं तो, तुम मेरी चिंता छोड़ दोगे अगर मैं घर में रहना चाहूं तो, मुझे अस्पताल की गंध बिल्कुल पसंद नहीं है ।"

शिया ची ने जल्दी से सर हिलाया," ये वादा रहा !"

उसका पहला लक्ष्य अपनी बहन को अस्पताल पहुंचाना था ।आगे की आगे देखी जा सकती थी।

 शिया ची ने रातों रात जल्दी से बैग पैक किया और चिंगे को अस्पताल ले गया ।

 जिंगे उसी अस्पताल में आ गई, जहां से वह कल भागी थी। उसे पता था कि डॉक्टर और नर्सेस जो उसे डांटेंगे ।

 उसने सिर्फ मुस्कुराकर अपनी गलती मान ली, और उन्होंने कुछ नहीं कहा ।

 जिंगे की शारीरिक जांच से कुछ गंभीर सामने नहीं आया, लेकिन आगे के जांच के लिए डॉक्टर चाहते थे कि वह कुछ ओर दिन अस्पताल में रुक जाये। 

 पर ऐसे प्रतिष्ठित अस्पताल में ज्यादा दिन रुकना उसके परिवार के लिए खर्चीला साबित होता ।

जिंगे ने ऐसा कहा नहीं, लेकिन वह उस दिन घर वापस लौटने की योजना बना ली थी । ऐसा नहीं था कि उसे अपने स्वास्थ्य की चिंता नहीं थी,लेकिन वह अपने चाचा के परिवार के ऊपर बोझ नही बनना चाहती थी ।

 उसके आगे कुआं और पीछे खाई थी. क्योंकि वह जानती थी उसे बाहर जाकर काम करने के लिए शारिरिक रूप से स्वस्थ होना जरुरी था ।

लेकिन, अपनी बांहों में आइवी फीडिंग के साथ अस्पताल में पड़े-पड़े, वह ग्लानि और क्रोध से भर चुकी थी।

वह इसका बेहतर समाधान निकाल सकती थी यदि उसकी याद्दाश्त वापस न आई होती, पर अब उसे सब याद आ गया था और वह इतना बेकार होने के लिए खुद पर क्रोधित थी।

उसे वह ड्रिप फ़ीड खींचकर निकालने और फ़ौरन काम ढूंढने के लिए निकलने की दुर्दांत इच्छा हो रही थी।

 जैसा कि कहते हैं, कि पैसा सब कुछ नही है , लेकिन ऐसी काफी चीजें है जो बिना पैसों के हो नहीं सकती हैं ।

 जिंगे उस समय उन निर्बंधों के बारे में सोच रही थी, जो पैसे की कमी ने उसपर लाद दिए थे। 

शिया ची भी गुज़र-बसर के लिए अथक प्रयास कर रहा था। अस्पताल में भी वह अपने चार साल पुराने सस्ते लैपटाप पर टाइप कर रहा था ।

"तुम क्या कर रहे हो?" जिंगे ने उससे पूछा ।

"शिया ची ने स्क्रीन से अपनी आंखे उठाईं और मुस्कुराया। " कुछ फ्रीलांस काम कर रहा हूं । एक सीनियर ने सॉफ्टवेयर प्रोग्राम लिखने के लिये मेरी मदद मांगी है । इस काम के मुझे 300 आरएमबी मिलेगें"।

जिंगे की आंखों में थोड़ी चमक आ गई,"क्या तुम्हे काम खत्म होते ही तुम्हें पैसे मिल जायेंगे?" 

"हां, सीनियर हमारी स्थिति जानता है इसलिये वह हमेशा समय पर भुगतान करता है।असल में उसने मुझे दुसरे प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया जिसके लिए 2000 आरएमबी मिलते, लेकिन वह मेरे लिए यह मुश्किल था और उसे यह दो दिन में ही चाहिये था । मैं उसे यह बताने के लिए संदेश लिख रहा हुं की मैं वह काम नहीं कर सकता हूं ।" 

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