"स्क्रींइंइंइंइंइंंच... थड" कार के ब्रेक्स को पूरा ज़ोर लगा के दबाया, पर शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था।
"आ...ध्यान से... हे मेरे प्रभु... ये क्या हो गया, मैंने कहा था कार धीरे चलाओ, पर तुम्हें तो अपनी स्पोर्ट्स कार की शान दिखानी थी, अब देखो क्या हो गया, रमेश तुमने गाड़ी उस पर चढ़ा दी है", जेनिफर ने क्रोधित होकर रमेश से कहा।
"ओ... आई यम सॉरी, माय डियर... वो बिल्ला एक दम से सामने आ गया ", रमेश ने जवाब में अपनी प्रतिक्रिया दिखाई, जिससे जेनिफर कुछ खास संतुष्ट नहीं हुई और कार से तुरंत बाहर निकली। साथ में रमेश भी अपने साइड का दरवाजा खोल बाहर निकल कर उस कुचले हुए काले बिल्ले के नज़दीक पहुँचा।
" ये एक अव्शगुन है रमेश... इस तरह से किसी काले बिल्ले का गाड़ी के नीचे आना", जेनिफर ने घबराते हुए रमेश से कहा।
"तुम भी कहाँ आज के ज़माने की लड़की होकर इन अंधविश्वास की बातों पर यकीन करने लगी, अरे ये बस एक हादसा था, ये तेजी से रास्ता पार कर रहा था पर कार के नीचे आ गया बस, इस बात को इतनी गंभीरता से लेने वाली कोई बात नहीं है ", रमेश ने जेनिफर को समझाते हुए कहा।
" नहीं रमेश ये हमारी ही गलती है... नहीं तो ये बेज़ुबान जानवर इस हादसे का शिकार न होता... ये अच्छा नहीं हुआ ", जेनिफर ने खेद प्रकट करते हुए रमेश से कहा।
" अब चलो भी... ये कोई इंसान तो नहीं था जो इतना शोक प्रकट किया जाए... तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि किसी इंसान के साथ ये दुर्घटना नहीं घटी... मेरी तरफ़ देखो बेबी, तुम मुझसे प्यार करती हो न...हम साथ सुरक्षित हैं इससे बड़ी कोई बात नहीं है... अब मैं तुम्हारी बात मानकर कार धीमे ही चलाउंगा... चलो अब भूल भी जाओ इस हादसे को ", रमेश ने हर तरह से जेनिफर को समझाते हुए कहा।
" प्यार तो करती हूँ पर इसका मतलब यह नहीं है कि तुम अपनी ही मनमानी करो...इस काले बिल्ले का यूँ गाड़ी के नीचे आना एक दुखद हादसा था और साथ ही किसी अनहोनी के घटित होने की निशानी भी है," जेनिफर ने रमेश को जवाब देते हुए कहा।
"अच्छा बाबा... आई यम सॉरी अगेन... अब चलो भी हम दोनों को आगे का सफ़र तय करना है, आगे से मैं तुम्हारी हर बात का ख्याल रखूँगा... बस इस बार माफ़ कर दो," रमेश ने सुनसान सड़क पर जेनिफर से अपने किए कि एक बार फिर से माफ़ी मांगी। जेनिफर को उस पर दया आ गई और वह उसके साथ वापस कार के अंदर चली गई। दोनों उस मृत पड़े बिल्ले को उसी अवस्था में छोड़ कर चले गए जैसे कि कुछ हुआ ही न हो। वह बेज़ुबान जानवर रमेश और जेनिफर द्वारा की गई लापरवाही का शिकार हो गया। एक ओर रमेश जो अपनी स्पोर्ट्स कार की रफ्तार दिखाने और सड़क के बजाए जेनिफर की कहानी पर ध्यान दिए हुए था तो दूसरी ओर जेनिफर जो रमेश का ध्यान अपनी कहानी की ओर केंद्रित किए हुए थी, दोनों ही हादसे के बराबर जिम्मेदार थे। शायद जेनिफर को कहीं न कहीं इस बात का अंदाजा था कि जो हुआ है बिलकुल अच्छा नहीं हुआ, ऐसा होना ही नहीं चाहिए था पर होनी को कौन टाल सकता है।
"क्या हुआ कुछ तो बोलो तुम तो बिलकुल ख़ामोश ही हो गई", कार चलाते हुए रमेश ने अपनी मंगेतर जेनिफर से कहा।
" मेरी आँखों के सामने तो अब तक उस काले बिल्ले का दृश्य घूम रहा है", जेनिफर ने अपनी खामोशी की वजह बताई।
"अरे अब भूल भी जाओ उस हादसे को", रमेश ने जेनिफर से कहा।
" कैसे भूल जाऊँ... तुम ही बताओ, उस काले बिल्ले में भी जीवन था, उसमें भी आत्मा का वास था, बेज़ुबान था तो क्या हुआ...ये हम दोनों की ही गलती थी ", जेनिफर ने फिर से अपनी तरह से शोक प्रकट करते हुए रमेश से कहा।
" अरे अब तो मैं काफ़ी देर से कार मध्यम गति से चला रहा हूँ... और सड़क पर पूरी तरह से नज़र है, वह बिल्ला अचानक ही छलाँग मार कर आ गया था झाड़ियों से, अब किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी ", रमेश ने आश्वासन देते हुए जेनिफर से कहा।
" चलो तुम कहते हो तो मैं मान लेती हूँ, पर यह हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम सड़क पर पूरी तरह से नज़र रखें ", जेनिफर ने रमेश को समझाते हुए कहा।
" तुम परेशान मत हो, मैं पूरी तरह से इस बात का ध्यान रखूँगा, अब तक देखो काफ़ी दूर आ गए हैं और मैंने गाड़ी की गति ज़्यादा तेज़ नहीं बढ़ाई है, तुम भी काफ़ी देर से खामोश बैठी हुई हो, सफ़र काटना इतना आसान नहीं होता, समय तब जल्दी बीतता है जब साथ में सफर करने वाला बातें करता रहता है... इससे नींद भी नहीं आती है गाड़ी चलाते समय और बोरियत भी नहीं होती है ", रमेश ने जेनिफर को समझाते हुए कहा।
" तुम्हारा मतलब है कि मैं कहानी आगे सुनाऊँ और फिर से तुम किसी को गाड़ी के नीचे कुचल दो ", जेनिफर ने रमेश से कहा।
" कहा न जानेमन... वह बस एक हादसा था, उसमें मेरी ग़लती नहीं थी और अब तो मैं तुम्हारी बात पर भी चल रहा हूँ, अब तो आगे की कहानी सुना दो, मैं सड़क पर नज़र बनाए रखूँगा ", रमेश ने एक बार फिर से अपनी सफाई देते हुए जेनिफर से कहानी सुनाने को कहा। वह उसकी बात को टाल न सकी और उसने कहानी सुनाना प्रारंभ किया -
हॉवर्ड अपना काम ख़त्म करने के बाद चार्ल्स के घर चला गया, चार्ल्स भी अपने काम से लौटने के बाद कुछ देर के लिए आराम ही कर रहा था क्यूँकि उसे फिर थोड़ी देर बाद अपनी क्लास करने जाना था। इतने में वहां हॉवर्ड का आगमन होता है।
"तुम, यहाँ अचानक... सब कुछ ठीक तो है", चार्ल्स ने हॉवर्ड से पूछा।
"क्यूँ मैं तुम्हारे यहाँ मिलने नहीं आ सकता क्या, जो इतना चौंक रहे हो," हॉवर्ड ने चार्ल्स से कहा।
"नहीं मेरा वो मतलब नहीं था... मैं ये कह रहा था कि अचानक कैसे क्यूँकि मुझे अभी अपनी क्लास के लिए जाना था ", चार्ल्स ने हॉवर्ड को समझाते हुए कहा।
" ओ... बताता हूँ मैं यहाँ क्यूँ आया, क्यूँकि तुमने मुझे टाइप राइटर के बारे में बताया था और मैं उसी के बारे में सारा दिन सोचता रहा, इसलिए मिल कर बात करने आ गया," हॉवर्ड ने चार्ल्स से अपने आने की वजह बताई।
" अच्छा तो इसलिए मेरे ग़रीब खाने में पधारे हैं जनाब... वो देखो... वो... उधर रखा हुआ है वह टाइप राइटर ", हॉवर्ड ने सारी बातों को समझते हुए चार्ल्स को उंगली से उस टाइप राइटर की ओर इशारा करते हुए कहा। हॉवर्ड उसे नज़दीक से देखने के लिए स्टडी टेबल के पास गया और उसे अच्छी तरह से देखा। चार्ल्स भी अपनी कुर्सी से उठ कर उसके नज़दीक पहुंच गया और रखे हुए पन्नों में से एक टाइप किया हुआ पन्ना उठाकर हॉवर्ड की ओर बढ़ाया।
"ये देखो... यही पहला पन्ना इसने टाइप किया था, इसमें उसी वुड्स विला का ज़िक्र है जहाँ तुम कॉफिन देने गए थे... ठीक से पढ़ो इसे", चार्ल्स ने हॉवर्ड को पन्ना पकड़ाते हुए कहा।
हॉवर्ड उसे अच्छी तरह से पढ़ रहा था और जैसे ही जैसे वह हर शब्दों को पढ़ रहा था उसके चेहरे के भाव भी बदल रहे थे, उसने पूरा पन्ना पढ़ने के बाद चार्ल्स को उसे पकड़ा दिया और पास ही पड़ी एक कुर्सी पर बैठ गया, वह काफ़ी चिंतित नज़र आ रहा था। उसके चेहरे का रंग पूरी तरह से उड़ गया था, सफेद नज़र आ रहे हॉवर्ड ने चार्ल्स की ओर देखा और आश्चर्य से पूछा "क्या वाकई ऐसा हो सकता है कि यह टाइप राइटर उस वुड्स विला से जुड़ा हुआ है, मुझे तो अब भी यकीन नहीं होता", हॉवर्ड के चहरे पर चिंता के भाव थे।
" मैंने तो तुमसे पहले ही कहा था... पहले तो मुझे भी यकीन नहीं था कि कोई वुड्स विला भी है, पर अब तो देखने के बाद मैं ख़ुद कभी कभी इस बारे में सोचता हूँ... कि क्या ये मुमकिन है कि इसका कोई राज़ उस वुड्स विला से जुड़ा हुआ है", चार्ल्स ने हॉवर्ड की बात का जवाब देते हुए कहा।
" लेकिन ये कैसे मुमकिन है... क्या आज रात मैं यहां रुक सकता हूँ, तुम्हें अगर कोई दिक्कत न हो तो ", हॉवर्ड ने अशंका जताते हुए चार्ल्स से पूछा।
" नहीं ये भी तो तुम्हारा ही घर है पार्टनर, इसमें इतना संकोच किस बात का", चार्ल्स ने हॉवर्ड से कहा।
" एक काम करते हैं... मैं अपनी वैन में उसी स्कॉच की बोतल लाया हूँ... क्यूँ न आज की शाम थोड़ी रंगीन बनाई जाए, तुम अपनी क्लास कल भी तो कर सकते हो... स्कॉच की बोतल कल तक इंतजार नहीं करेगी ", हॉवर्ड ने चार्ल्स को स्कॉच का लालच देते हुए रुकने के लिए कहा।
" तुम्हारी बात में तो दम है... आज की क्लास छोड़ ही देता हूँ... लाओ वैन की चाबी, स्कॉच की बोतल निकाल कर लाता हूँ ", चार्ल्स ने हॉवर्ड से सहमत होते हुए कहा।
" लो ये रही... वैन में फ्राइड चिकेन भी है, निकाल कर लेते आना", हॉवर्ड ने चार्ल्स की तरफ़ वैन की चाबी फेंकते हुए कहा। चार्ल्स ने चाबी को हाथों में कैच किया और कमरे से बाहर चला गया।
चार्ल्स के जाने के बाद हॉवर्ड उसके टाइप राइटर को अच्छी तरह से देखता, उसे याद आता है कि चार्ल्स ने कहा था इस पर पन्ना लगाते ही ये कुछ न कुछ टाइप कर देता है। हॉवर्ड ने टाइप राइटर में एक पन्ना अटैच किया और टाइप करने के लिए कुर्सी पर बैठ गया, वह सोच ही रहा था कि क्या लिखूँ इतने में टाइप राइटर के अक्षरों पर उसकी उँगलियाँ अपने आप चलने लगती हैं।
" कैसे हो हॉवर्ड, मैं तुम्हारा ही इंतज़ार कर रही थी, क्या तुम्हें मेरी याद आई", टाइप राइटर पर टाइप होता है।
डर के कारण हॉवर्ड के रौंगटे खड़े हो जाते हैं, उसके अंदर बिजली सी दौड़ जाती है। "यह क्या बला है", हॉवर्ड के मन में तुरंत ही ये सवाल उठता है। वह जो देख रहा था उस पर यकीन नहीं कर पा रहा था और घबराहट के कारण वह तुरंत ही कुर्सी से उठ खड़ा होता है। उसे चार्ल्स की बातों पर पूरी तरह से यकीन हो गया था। वह टाइप राइटर पर पन्ना उसी तरह से लगा हुआ छोड़ देता है।
चार्ल्स कुछ ही देर में वैन से सारा सामान लेकर कमरे में प्रवेश करता है और डाइनिंग टेबल पर रख देता है जो चार लोगों के लिए पर्याप्त थी।
" सब कुछ ले आए... अब ज़रा प्लेट में चिकेन निकालो", हॉवर्ड ने चार्ल्स के नज़दीक आकर कहा।
चार्ल्स डिश शेल्फ से एक प्लेट निकाल कर लाया और चिकेन को निकाल कर रख दिया। फिर वह किचन से दो शीशे के ग्लास और पानी का जग निकाल कर लाया।
हॉवर्ड ने दो पैग बनाए और एक चार्ल्स की ओर बढ़ा दिया, दोनों ने ग्लास टकराए " चीयर्स... दोस्ती के नाम", कह कर पीना शुरू कर दिया, साथ ही फ्राइड चिकेन का भी आनंद ले रहे थे। धीरे धीरे महफिल आगे बढ़ती है और साथ ही शाम भी गुज़रती है।
दोनों दोस्त दुनिया की चिंताओं से दूर हो कर एक दूसरे के साथ हंसी मज़ाक कर रहे थे।
" यार तू ही मेरा सच्चा दोस्त है ", चार्ल्स ने नशे में हॉवर्ड से कहा।
" कैसे" हॉवर्ड ने चार्ल्स से पूछा।
" क्यूँकि पीने के समय तुझे मैं ही याद आता हूँ और दारू तू मेरे ही साथ शेयर करता है", चार्ल्स ने हॉवर्ड को जवाब दिया, हॉवर्ड उसकी बातों को सुनकर ज़ोर से हँसने लगा, उसे देखकर चार्ल्स भी हँस पड़ा और कमरे में दोनों कि हँसी की आवाज़ गूंजने लगी।
देखते ही देखते समय थोड़ा और बीतता है, रात काफ़ी हो चली थी, बाहर सड़को पर सन्नाटा सा छा गया था। हॉवर्ड के द्वारा लाई हुई स्कॉच की बोतल भी लगभग ख़त्म हो चुकी थी। दोनों को काफ़ी नशा हो गया था इसलिए हॉवर्ड और चार्ल्स सोने चले गए।
जैसे ही जैसे समय बीतता है, चाँद की चांदनी पर कोहरा अपनी चादर चढ़ाने लगता है और देखते ही देखते बाहर कोहरा छा जाता है। दूर दूर तक कुछ भी देख पाना असंभव था, साथ ही कुत्तों के रोने की आवाज माहौल को और भी डरावना बना रही थी । ऐसे में एक परछाई चार्ल्स के अपार्टमेंट की ओर बढ़ती है, वह परछाई धीरे धीरे नज़दीक पहुंच जाती है और देखते ही देखते चार्ल्स के अपार्टमेंट के नीचे खड़ी हो जाती है। अपार्टमेंट का दरवाजा जो अंदर से बंद था ख़ुद ही खुल जाता है और सिक्यूरिटी गार्ड नींद की झपकी ले रहा था। वह धीरे धीरे सीढ़ियों को चढ़ने लगता है और कुछ ही देर में थर्ड फ्लोर पर पहुंच जाता है, जहाँ चार्ल्स का फ्लैट था। वह चार्ल्स के कमरे की ओर बढ़ता है और थोड़ी देर बाद वह उसके फ्लैट के दरवाजे पर ही खड़ा था।
"चर्रररररररररर", चार्ल्स के फ्लैट का बंद दरवाज़ा अपने आप ही खुल जाता है।
वह अनजान साया चार्ल्स के फ़्लैट में दाखिल होता है, वहाँ से वह सीधा टाइप राइटर के नज़दीक जाता है, कुर्सी अपने आप उसे पीछे खिसक कर आसन ग्रहण करने का निमंत्रण देती है। वह साया उस पर बैठ जाता है और टाइप राइटर पर एक नज़र डालता है। "ख़ट... ख़ट... ख़ट, ख़ट... ख़ट... ख़ट... खचैक... ख़ट... ख़ट", टाइप राइटर के अक्षर ख़ुद ही हरकत में आ जाते हैं और टाइप राइटर पर लगे पन्ने पर कुछ टाइप हो जाता है। पूरा एक पन्ना टाइप हो जाने के बाद वह अनजान साया उस टाइप राइटर के पास एक काला गुलाब रख कर वहाँ से उठकर चार्ल्स के कमरे में पहुँच जाता है जहाँ चार्ल्स और हॉवर्ड सोए हुए थे, कुछ देर उन्हें देखने के बाद वह घर से बाहर निकल जाता है और चार्ल्स के घर का दरवाजा अपने आप बंद हो जाता है, किसी को इस बात की भनक नहीं लगती है कि वह कौन था और चार्ल्स के टाइप राइटर से उसका क्या लेना देना था।
सुबह होती है और हमेशा की तरह चार्ल्स अपने नियमित समय पर उठकर अपने दिनचर्या के हिसाब से नहाने के बाद किचन में नाश्ते का प्रबंध करने लगता है, कुछ ही देर बाद हॉवर्ड भी नींद से जाग जाता है और फ्रेश होने के बाद, डाइनिंग टेबल के पास पहुँच जाता है।
"नींद तो बढ़िया आई, आज कैसा महसूस हो रहा है," चार्ल्स ने हॉवर्ड से पूछा।
"नींद तो बढियां आई, अब तुम जल्दी से अपने हांथों का बढ़िया नाश्ते का प्रबंध कर दो तो तबीयत भी मस्त हो जाए", हॉवर्ड ने चार्ल्स को देखते हुए कहा।
" क्यूँ नहीं नाश्ता बिलकुल तैयार है... ये लो बढ़िया ऑमलेट ", चार्ल्स ने हॉवर्ड की ओर नाश्ते की प्लेट बढ़ाते हुए कहा।
" वाह... वाह... कहना पड़ेगा तुम्हारी होने वाली पत्नी काफ़ी ख़ुश किस्मत होगी क्यूँकि तुम्हें घर संभालने का अनुभव है", हॉवर्ड ने ऑमलेट खाते हुए कहा।
" तुम कहते हो तो ज़रूर ऐसा ही होगा ", चार्ल्स ने सामने की कुर्सी पर बैठे हुए हॉवर्ड से कहा।
दोनों फ़िर आराम से नाश्ता करते हुए बातें करते रहते हैं कुछ ही देर बाद नाश्ता ख़त्म हो जाता है, चार्ल्स सारे प्लेट्स और ग्लास साफ़ कर देता है फिर अपने दफ्तर के लिए रवाना होने हेतु अपने कमरे की ओर बढ़ता है कि तभी अचानक उसकी नज़र अपने टाइप राइटर पर पड़ती है जिसमें एक पन्ना अटैच था जो शायद हॉवर्ड ने ही लगाया था।
"हॉवर्ड... हॉवर्ड... जल्दी इधर आओ," चार्ल्स ने हॉवर्ड को आवाज़ लगाई।
" क्या हुआ... क्यूँ चिल्ला रहे हो", हॉवर्ड ने कमरे में दाखिल होते ही चार्ल्स से पूछा।
"क्या ये पन्ना तुमने लगाया है," चार्ल्स ने टाइप राइटर की ओर इशारा करते हुए पूछा।
" हाँ... मैं तुमसे इसका ज़िक्र करना भूल गया ", हॉवर्ड ने चार्ल्स को जवाब दिया।
" देखो इस पर कुछ टाइप हुआ है ", चार्ल्स ने हॉवर्ड से कहा।
" हाँ... तुम सही कह रहे हो, पर एक काला गुलाब भी रखा है बगल में जिस पर शायद तुम्हारी नज़र ही नहीं पड़ी ", हॉवर्ड ने चार्ल्स से सहमत होते हुए कहा, फिर चार्ल्स ने टाइप राइटर में अटैच पन्ने को बाहर निकाला।
" क्या लिखा है, ज़रा पढ़ कर तो सुनाओ," हॉवर्ड ने जिज्ञासा पूर्वक पूछा।
" कैसे हो हॉवर्ड, मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी, क्या तुम्हें मेरी याद आई ", चार्ल्स ने पढ़ते ही हॉवर्ड की ओर देखा।
" हाँ... कल पन्ना लगाते ही टाइप हो गया था, ऐसा लगा जैसे उंगलियों पर कोई ज़ोर डाल कर लिखवा रहा हो, आगे पढ़ो क्या लिखा है", हॉवर्ड ने चार्ल्स से कहा और पूरा पन्ना पढ़ने को कहा।
" तुमसे कल बात अधूरी ही रह गई...जिस वजह से मुझे ये लेटर टाइप करना पड़ा, मेरा नाम मार्ग्रेट है और ये टाइप राइटर उस वुड्स विला से जुड़ा हुआ है, इसकी देख रेख मैं ही करती थी और ये टाइप राइटर एक कत्ल से जुड़ा हुआ है और ऐसे कई राज़ हैं जो तुम दोनों दोस्तों को जानना है, इसलिए तुम दोनों तैयार हो राज़ जानने के लिए तो आज रात वुड्स विला पहुंच जाना। मिसेस वुड्स ने तुम दोनों को गुमराह किया था, वो जानती है कि उसका एक टाइप राइटर पहले गायब हो चुका था और अब वह एक नए टाइप राइटर से अपनी नॉवल लिखवा रही हैं, उसी वुड्स विला में वो कातिल है जो इस टाइप राइटर के बारे में जानता है। प्यारे हॉवर्ड उस दिन जब तुम आए थे तो तुम्हारी मुलाकात मुझसे ही हुई थी इसलिए तुम्हारे लिए अपनी मोहब्बत की ये निशानी काला गुलाब छोड़े जा रही हूँ, अगर तुम दोनों मित्र इस गुत्थी को सुलझाना चाहते हो तो आज रात वुड्स विला पहुँच जाना, मैं तुम दोनों का इंतजार करूंगी ", चार्ल्स ने पूरा पन्ना पढ़ डाला और पढ़ने के साथ ही उसके पसीने छूटने लगे, क्यूँकि ये वही मारग्रेट थी जिसने पहले भी टाइप राइटर पर अपना ज़िक्र किया था। वही मारग्रेट जिसने पहले भी ज़िक्र किया था कि कोई उसका पीछा करता है, चार्ल्स के मन में ये ख़्याल उठने लगता है।
" ये जो मारग्रेट है... मुझे लगता है कि इस टाइप राइटर से जुड़ी हुई है, तो इसका मतलब यह है कि मिसेस वुड ने मुझसे झूठ कहा था, लगता है ये मरग्रेट कोई राज़ की बात जानती है जिसे मिसेस वुड ने छुपाया है, अगर मरग्रेट की माने तो वुड्स विला में ही वो कातिल मौजूद है, इसका मतलब यह है कि हम दोनों को छुप कर वुड्स विला में प्रवेश करना पड़ेगा नहीं तो हम भी शिकार बन सकते हैं... तुम क्या कहते हो हॉवर्ड ", चार्ल्स ने सारी बातों का निष्कर्ष निकालते हुए हॉवर्ड से उसकी राय के बारे में पूछा।
" मैं तो कहता हूँ कि ये कत्ल का मामला है क्यूँ न पुलिस को सारी जानकारी दे दी जाए... हम दोनों के लिए इसमें काफी जोखिम है... जो भी करो सोच समझ कर ही करना ", हॉवर्ड ने चार्ल्स के सामने अपनी राय प्रकट की।
" बेवकूफ़ मत बनो... पुलिस हम पर कभी भरोसा नहीं करेगी... क्या बताओगे कि हमारे पास एक ऐसा टाइप राइटर है जो ख़ुद ही टाइप कर रहा है बिना टाइपिस्ट की सहायता के, कोई यकीन नहीं करेगा और इस काले गुलाब की क्या जानकारी दोगे... अंदर से बंद दरवाज़े के भीतर ये कैसे पहुँच गया किसने रखा... नहीं... नहीं, पुलिस हम पर कभी विश्वास नहीं करेगी ", चार्ल्स ने हॉवर्ड की बात पर ऐतराज़ जताते हुए कहा। चार्ल्स की बातें सुनकर हॉवर्ड भी चिंता में पड़ गया, वह भी गंभीरता से इस विषय पर सोचने लगा।
" तो तुम ही बताओ क्या किया जाए इस विषय पर ", हॉवर्ड ने बहुत सोचने के बाद चार्ल्स से पूछा।
चार्ल्स भी इस विषय पर गहराई से सोच रहा था उसने हॉवर्ड की ओर देखा, फ़िर कुछ सोचने लगा। चार्ल्स को इस तरह से चिंतित हॉवर्ड ने पहले कभी नहीं देखा था, पर इससे पहले उन दोनों के साथ ऐसी कोई अनहोनी भी नहीं हुई थी जिसने इन दोनों मित्रों को अंदर से बिलकुल हिला कर रख दिया था। दोनों इसी सोच में पड़ गए थे कि ये दोनों किस माया जाल में फंस गए हैं जहाँ एक ओर अद्भुत टाइप राइटर है, दूसरी ओर कत्ल करने वाला कातिल है और एक ओर एक अनोखा मेहमान है जो उन्हें वुड्स विला का राज़ बताने वाला है।
To be continued...
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