16 जाहिर किये बिना चापलूसी करना

Translator: Providentia Translations Editor: Providentia Translations

"दादाजी ... मेरे चाचा ने मुझे इसे आपके लिए लाने को कहा था। हम आपकी दीर्घायु और सौभाग्य की कामना करते हैं।"

कप्तान ली ने ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी। उसने प्यार से मुस्कुराते हुए कहा, "तुमने मेरे लिए भी उपहार तैयार किया है? हा हा, मेरे तरफ से अपने चाचा को धन्यवाद देना ।"

बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए, इसलिए उपहार पेश करने का क्रम दादाजी से उसकी सास का होना चाहिए। सु कियानसी ने उनकी मुस्कान देखी और उसकी आँखों में एक अनजानी सी झलक आ गई । यह कलम उसके चाचा की नहीं, बल्कि खुद उसकी थी ।

पहले, जब वह तांग मेंगिंग के साथ खरीदारी करती थी, तो उसे वह कलम बहुत पसंद आयी थी, इसलिए तांग मेंगिंग ने उसे खरीदने का आग्रह किया। उसने इस पर सौ से अधिक डॉलर खर्च किए, लेकिन कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया।

हालांकि, बाद में, तांग मेंगिंग ने इसका उपयोग उसकी फिजूलखर्ची की आलोचना करने के लिए किया, जिससे कई लोगों के सर उसकी तरफ मुड़ गए थे। अब, वह इस कलम को देने जा रही थी और तांग मेंगिंग के चेहरे पर झूठ बोल रही थी। वह तांग मेंगिंग के बारे में जितना जानती थी उसी पर आधारित...

"आह ..." तांग मेंगिंग ने आश्चर्यचकित होकर देखा और कहा, "क्या यह वह कलम नहीं है जिसे तुमने मेरे साथ जा के खरीदा था जब मैं वापिस आयी थी? फिर कैसे यह तुम्हारे चाचा का हो गया?"

नि: संदेह वास्तव में। तांग मेंगिंग जैसी महिला इसे कभी नहीं जाने देती। हालाँकि, यही तो था जो सु कियानसी चाहती थी। सु कियानसी ने शर्माने और हकलाने का नाटक किया।

यह देखते हुए, तांग मेंगिंग ने तुरंत "कृपया" बोला, "शायद मुझे गलत याद था। यह सिर्फ एक समान दिखने वाला पैकेज होगा, न की वो जिस पर तुमने एक सौ डॉलर से अधिक का भुगतान किया था?

"सौ डॉलर से अधिक"

"एक झक पर"?

यह शब्द सुनकर, श्रीमती ली और कप्तान ली दोनों थोड़ा डर गए।

सु कियानसी ने तुरंत अपना सिर हिलाया, " झक पर? नहीं, मैंने इसे सावधानी से चुना है..." तुरंत, उसने अपना मुँह पछतावे के कारण ढँक लिया।

तांग मेंगिंग ने सुना और सु कियानसी को दोषी ठहराया, "कियानसी, तुम क्यों ..."

हालांकि तांग मेंगिंग वहाँ रुक गई, उसने कल्पना के लिए और भी अधिक जगह छोड़ दी।

सु कियानसी को स्वीकार करना पड़ा कि उसकी यह चाल काम कर गई। हालाँकि, यह वही था जो सु कियानसी करना चाहती थी। सु कियानसी घबराई हुई दिखी और फुसफुसाई, "मैं ..."

श्री ली ने सु क़ियान्सी को गहराई से देखा, पैकेज को खोलना शुरू कर दिया। एक काला पेन, ठंडा और भारी सा था। हीरों से कलम का शरीर और कलम की नोक सजाई गयी थी, जिससे उसका रूप अनायास ही सुंदर लग रहा था।

कैप्टन ली खुशी से मुस्कुराए और कहा, "अच्छी नज़र है। तुमने इसे चुना है?"

सु कियानसी ने सिर हिलाया, शरमायी। उसने कहा, "यह डिज़ाइन सरल दिखता है, लेकिन इसमें बहुत अधिक विचार है। यह इतना साधारण है कि मुझे लगता है कि यह दादाजी को बहुत पसंद आएगा, यही कारण है कि मैं ..."

वह स्पष्ट दिखने के बिना ही चापलूसी कर रही थी, जिससे कप्तान ली मुस्कुराने लगे।

"तुम एक उपहार दे रहीं हो । तुमने अपने चाचा के नाम का उपयोग क्यों किया? इतने लोगों के सामने झूठ बोला, तुम ली के घर का अपमान कर रही हो ।" 

श्रीमती तांग ने सु कियानसी को तिरस्कार से देखा।

"क्योंकि मुझे पता है कि दादाजी मितव्ययी हैं। अगर उन्हें पता चलेगा कि मैंने कलम पर इतना पैसा खर्च किया है, तो वह नाराज हो जाएंगे। इसीलिए मैंने अपने चाचा का जिक्र किया, जिन्हे वैसे भी कुछ मालूम नहीं पड़ेगा।" सु कियानसी ने अपनी जीभ बाहर निकाली और कप्तान ली को डरते हुए देखा, "दादाजी, आप नाराज़ तो नहीं हैं, क्या आप हैं?"

"ओह, कियानिकियन!" कैप्टन ली ने कहा, "मैंने बहुत से लोगों को देखा है जो अन्य लोगों की उपलब्धियों को अपना नाम दे देते हैं। और तुम इसका उल्टा कर रही हो …"

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