10 दीपाली - अध्याय 10

"हमारे पास एक योजना है और तुम्हे बस उसका पालन करना होगा"

मैंने सपना को सब कुछ समझाया और वह बिना किसी सवाल या डर के सब कुछ मान गई।

बच्चे कितने भोले होते हैं। क्यूंकि उसे मुझ पे विश्वास है उसने एक बार भी मुझसे कोई सवाल नही पूछा। खुद की सुरक्षा के बारे में भी नहीं सोचा। मैंने निश्चय कर लिया है कि मैं उसका ये विश्वास किसी भी कीमत पर टूटने नहीं दूंगी।

हमने प्रिंसिपल, शिक्षक और कक्षा के प्रतिनिधि को विश्वास में लेकर उनको अपनी योजना से अवगत करवाया। फिर हम सबने कई बार उस योजना के सभी पहलुओं और हर इंसान को क्या करना होगा कहां खड़ा रहना होगा ये चर्चा की। अब हम तैयार हैं अपनी योजना को क्रियान्वित करने के लिए।

आज मेरी सपना सिख जाएगी कि ऐसी परिस्थिति का सामना कैसे करना चाहिए और वोह धोंसिया सीखेगा कि दूसरों को धमकाने के परिणाम अच्छे नहीं होते है।

" हैलो, मैं आपके लिए कुछ चिप्स और कोक लाई हूं। दूसरे लोगों को धमकाने के बाद आप थका हुआ महसूस कर रहे होंगे, है ना। कृपया इसे खाइए ताकि आप लोगों को ज्यादा परेशान कर सकें। और मैं कक्षा में सभी के लिए चिप्स और कोक लाई हूं क्योंकि इस लोगों को परेशान करने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहित करने के बाद आप सभी को भी थकान महसूस हो रही होगी। सही है ना?" सपना ने जोर से कहा।

मैं स्पष्ट रूप से देख रही थी कि धोंसिया इसकी उम्मीद नहीं कर रहा था और इस कारण भौचक्का होकर सपना को देख रहा था। सपना के ऐसा बोलने के बाद अन्य छात्र भी असहज महसूस कर रहे थे।

"मैं 12 साल की हूं और ये तो कि मुझे पता है कि लोगों को धमकाना एक अपराध है जो आपको जेल भी पहुंचा सकता है। साथ ही, इस तरह की गतिविधियों में भाग लेना या प्रोत्साहित करना आपको समान रूप से दोषी बनाता है। आप सभी निश्चित रूप से मुझसे बड़े हैं। लेकिन मुझे लगता है कि आप सभी इसके बारे में नहीं जानते हैं। तो अपने छोटे दिमाग से बाहर निकालिए और जिओ और जीने दो का महत्व समझिए। " स्वप्न को आत्मविश्वास से कहा।

मुझे सपना पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। वह आत्मविश्वास से दमक रही है।

"तुझे क्या लगता है कि तू हम सब से बेहतर हैं। मैं आज तुझे तेरी औकात दिखाता हूं " धोंसिया ऐसा बोलते हुए सपना की तरफ बढ़ा।

इससे पहले कि मैं कुछ कर पाती गौरव क्लास में था और उसने उस धोंसिये का कॉलर पकड़ लिया था।

"तुने मेरी छोटी बहन को छूने की हिम्मत भी कैसे की। आज मैं तुझे नहीं छोडूंगा। " गौरव चिल्लाया।

"नहीं गौरव भैया ऐसा मत कीजिए। अन्यथा उसके और हमारे बीच क्या अंतर है। सुरक्षा कर्मियों को उसे ले जाने दीजिए। " सपना बोली।

सुरक्षा कर्मी उस धोंसिये को कक्षा से बाहर ले गए और कॉलेज के प्राचार्य कक्षा में प्रवेश कर गए।

"यह आप सभी के लिए पहली चेतावनी है। मैं अपने कॉलेज में इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं करूंगा। यहां सब पढ़ने आते हैं गुंडागर्दी करने नही। अगर गुंडागर्दी ही करनी है तो इस कॉलेज में आपके लिए कोई जगह नही है।" प्राचार्य ने कहा।

उन्होंने विद्यालय के सभी छात्रों को इकट्ठा किया और यह घोषणा की कि कॉलेज में किसी भी तरह की गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों की रिपोर्ट करने, जाँच करने और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए शिक्षकों की एक समिति बनाई जाएगी।

मैं इसके बाद बहुत बेहतर महसूस कर रही हूं।

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