1 अध्याय १ - गौरव

कलिंग समूह के मालिक श्री सतीश चंद्रा का इकलौता पुत्र, गौरव चंद्रा, परिश्रमी और व्यावहारिक व्यक्ति है। अपने 28 साल के जीवन और 5 साल के कार्य अनुभव में, एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से एमबीए पूरा करने के बाद, उसने कलिंग उद्योग के व्यापार को कई नए क्षेत्रों तक विस्तारित किया है जो जल्दी से लाभदायक हो गए हैं। उसकी नई विचार प्रक्रिया ने शुरू में उनके पिता के कई वफादार कर्मचारियों को नाराज कर दिया था लेकिन आज सबने स्वीकार कर लिया है कि नवीनीकरण उद्योग के भविष्य के लिए जरूरी है।

सबके सामने खुद को साबित करने के बाद, आज वह अपने ख्वाब की परियोजना को सबके सामने पेश करने के लिए तैयार हैं।

"आशा मौसी, नाशता जल्दी लगाइए प्लीज़ " गौरव चिल्लाया जैसे ही वह बाथरूम से बाहर आया। आज उसे जल्दी ऑफिस पहुँचना था।

जब गौरव नाश्ते की मेज पर पहुंचा, तो उसने पाया कि उसकी माँ श्रीमती दीपाली चंद्रा पहले से ही टेबल पर मौजूद थी।

"माँ, आप कहीं जा रहीं हैं क्या?" आश्चर्य से गौरव ने पूछा।

"नहीं, बेटा, मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है।" दीपाली ने कहा।

"मुझे आज जल्दी कार्यालय पहुंचना है। मेरी एक बहुत महत्वपूर्ण बैठक है। क्या यह शाम तक इंतजार कर सकता है? " गौरव ने कहा।

"मुझे सिर्फ तुम्हारे 5 मिनट का समय चाहिए।" दीपाली ने धैर्य से जवाब दिया।

"ठीक है माँ, लेकिन, कृपया केवल 5 मिनट। यदि इससे अधिक लगता है तो क्या हम शाम को बात कर सकते हैं? " गौरव ने जवाब दिया।

दीपाली ने मुस्कुराते हुए कहा " मेरे बचपन के दोस्त किरण की बेटी कुछ महीनों के लिए हमारे साथ रहने आ रही है। उसे शहर के प्रतिष्ठित ललित कला महाविद्यालय में ललित कला में स्नातकोत्तर में प्रवेश मिला है। वह बहुत प्रतिभाशाली कलाकार हैं। "

"ठीक है माँ, लेकिन आप मुझे ये सब क्यों बता रहीं हैं? मेरे पास उसको मनोरंजित रखने के लिए समय नहीं है। " गौरव बोला।

दीपाली ने कहा, "मैं चाहती हूं कि तुम उसे शाम 7 बजे एयरपोर्ट पर लेने जाओ।"

" पर क्यों? अगर आप व्यस्त हैं तो ड्राइवर या कोई और ऐसा नहीं कर सकता है? "

"नहीं, कोई घर का आदमी ही उसे लेने जाएगा और यह मेरा अंतिम निर्णय है। मैं कोई तर्क नहीं सुनूंगी। "

" ठीक है माँ। मैं उसे लेने चला जाऊंगा। " जवाब में गौरव बोला।

वह जानता था कि अगर उसकी माँ ने कुछ भी तय कर लिया है तो उसे कोई काट नहीं सकता स्वयं उसके पिता भी नहीं। व्यवसाय में उनके पिता की चलती है, लेकिन घर की बागडोर पूर्णतया उसकी मां के हाथों में थी।

"ठीक है, मैं उसके फ्लाइट का विवरण और फोटो तुम्हे भेज दूंगी। कृपया देर मत करना "

" ठीक है माँ"।

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