मैं खुद को नहीं बदल सकती किसी के लिए
क्योंकि मुझे खुद से प्यार है
खुद पर ऐतबार है
100 बार धोखा खा लूँगी
100 बार यकीन तुड़वा लूंगी
1000 बार इम्तिहान दूँगी
पर जो हू वही रहूंगी
क्योंकि मुझे खुद से प्यार है
खुद पर ऐतबार है
बंद दरवाजे के पीछे रो लूँगी
बाहर निकल कर फिर थोड़ा मुस्कुरा लूंगी
अपना दर्द भी छुपा लूँगी
आंसू भी किसी को नहीं दिखाऊंगी
पर जो हू वही रहूँगी
हालात जेसे भी हो
खुद को उनसे निकाल भी लूँगी
फिर भी अगर बात आए मेरी इज़्ज़त पर
फिर से सर उठाऊंगी और बताऊँगी
मजबूरी कितनी भी बड़ी हो
उसके सामने मुझे झुकना नहीं आता
क्योंकि मजबूरियों से डर कर
मुझे खुद को बदलना नहीं आता
क्योंकि मैं जेसी भी हू
मुझे खुद से प्यार है
खुद पर दुनिया से ज्यादा ऐतबार है
written by me
anu choudhary 🤗