5 आईना

आज उठी ओर आइने के सामने खड़ी हुई...

आइने ने मुझे देखा

ओर फिर हँसते हुए पूछा...

क्यू ख़ुद आई या फिर किसी ने भेजा

स्वाल उठा तुझ पर या तेरी स्कल सूरत पर.

या फिर बोला किसी ने दिल की है तू काली...

स्वार्थी, घमंडी, साली....

100 दफा समझाया तुझे खुद से मिलने तू आया कर...

कोई उठे सवाल जो तुझ पर उसे खुद निपटाया कर

मैं अक्ष हू तेरा, तुझसे झूठ नहीं बोलूंगा

जो खेल लोग खेलते है तेरे साथ, वो मैं नहीं खेलूंगा

आ तुझे तुझसे मिलवा दु..

तू है कोन तेरी ही आंखो से तुझे दिखा दु..

इस दिल में कोई खोट नहीं..

तू खेले किसी और के दिल के साथ,

उसकी तो तुझे खुद लोड नहीं..

फिर बता पगली इतनी तकलीफ क्यू उठाई,

किसी ओर की बोली कडवी बातें दिल से क्यू लगाई,

जा अब जा कर बोल उसे,

जिसने तुझे मेरे पास है भेजा..

खुद भी देखे जा के आइना

कहीं दोष खुद उसी मे तो नहीं छुपा..

written by me

anu choudhary 🤗

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