जो कल तक तुझपे अपनी ज़िंदगी लुटाया करते थे,
रोते हुए भी तेरे सामने झूठी मुस्कान दिखाया करते थे,
आज अरसे बाद खुद की ज़िंदगी जी पाया है,
तेरी झूठी मोहब्बत से रिहा होकर बेहद सुकूँ पाया है,
हम तो तेरे हर ज़ख्म पर मरहम लगाया करते थे,
Busy रहते हुए भी तेरे लिए ख़ुद को free बताया करते थे,
हम वफ़ा करते गए तुमसे,और तुमने मुझे बेवफा बनाया है,
तेरी झूठी मोहब्बत से रिहा होकर आज बेहद सुकूँ पाया है,
कल जो तेरी तस्वीर देख खुद की तस्वीर बताया करते थे,
तेरी गलियों में जाने के लिए हर पल बहाना बनाया करते थे,
अरसे बाद उस झूठी तस्वीर से अलग होकर चैन से सो पाया है,
तेरी झूठी मोहब्बत से रिहा होकर आज बेहद सुकूँ पाया है,
तेरे सारे ख्वाब हम अपने पलकों पर सजाये रखते थे,
तुमने मुझे गैर समझा,फिर भी हम तुझे अपना बताया करते थे,
मुद्दतों बाद आज हमने खुल कर मुस्कुराया है,
तेरी झूठी मोहब्बत से रिहा होकर आज बेहद सुकूँ पाया है,
कभी तुझे हम अपनी साँसे बताया करते थे,
तू जब होती परेशान तो इस सीने से लगाया करते थे,
आज खुद के लिए इन होठों को फिर से मुस्कुराता हुआ पाया है,
तेरी झूठी मोहब्बत से रिहा होकर आज बेहद सुकूँ पाया है,
बेहद सुकूँ पाया है.....