1 अधूरी कहानी

बात उन दिनों की है जब हम कॉलेज में नए नए थे।पहली बार जब हम कॉलेज गये।तो अकेले अकेले रहा करते थे।क्यों कि हम जिस गांव से आते थे वहां से कोई भी मित्र कॉलेज में नही थे।हम किसी मित्र की तलाश में थे।पर कोई हमारा मित्र बनने को तैयार नही था।क्योंकि हम गरीब परिवार से थे ना तो हमारे पास गाड़ी थी।न ही पैसा खुद को बहुत अकेला महसूस करते थे।एक दिन तो हमने कॉलेज छोड़ने का मन ही बना लिया था।पर अचानक हमें महसूस हुआ कि हमे अपनी अपनी जिम्मेदारिया भी पूरी करनी है।तो उसके लिए पढ़ाई पूरी करनी होगी।फिर मन लगा कर पढ़ाई करने लगे।यही कुछ 6 महीने हुए थे कॉलेज के । अचानक एक दिन हमारी मुलाकात एक लड़की से हुई।वो भी हमारी तरह कॉलेज में नई नई थी।वो भी अकेली थी।धीरे धीरे हम दोनों पास आते गये।फिर रोज़ मिलना शुरू हो गया।एक दिन सुबह सुबह उसका फ़ोन आया कि वो मुझे कुछ कहना चाहती है।मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था कि वो क्या कहना चाहति है।रोज़ की तरह यही कोई 12 बजी थी और हम मिले हम दोनों चाय पी रहे थे।चाय पीते पीते अचानक उसने मुझसे कुछ कहा मैंने उसे मजाक समझ कर अनसुना कर दिया।उस दिन के बाद वो मुझसे 4 दिनों तक नही मिली।में हर रोज़ उसका इंतजार किया करता था।पर वो नही आयी।उसका फ़ोन भी लगातार बंद आ रहा था।5वे दिन में उसके गांव पहुँच गया।वहां उसका घर पता किया और घर प पहुँच गया।वो वहां पर अकेली थी।घर मे कचरा निकाल रही थी।तो उसने मुझे बताया कि 5 दिनों से वो घर पर अकेली थी और साथ मे उसका छोटा भाई भी था।वहां पर चाय पीने के बाद में घर पर लौट आया।उस रात पूरी रात नींद नही आयी।में उस रात के बाद मुझे एक बात समझ आई कि में उसके बिना रह नही सकता।अगली बार 8 दिन बाद हम मिले और मिलते ही मैंने उसे वोही बोल दिया जो उसने मुझे 8 दिन पहले बोला था।

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